भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर देश भर के 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने अपने शिक्षकों को याद किया और कहा कि उन्होंने जीवन में जो कुछ भी हासिल किया है, उसके लिए वह हमेशा अपने शिक्षकों की ऋणी महसूस रहेंगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज की ज्ञान अर्थव्यवस्था में, विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार विकास का आधार हैं। विज्ञान, साहित्य या सामाजिक विज्ञान में मूल प्रतिभा का विकास मातृभाषा के माध्यम से अधिक प्रभावी हो सकता है। मातृभाषा प्राकृतिक प्रतिभा को विकसित करने में सहायक है क्योंकि हमारी माताएं हैं जो हमें अपने प्रारंभिक जीवन में जीने की कला सिखाती हैं। यदि किसी छात्र को मातृभाषा में पढ़ाया जाए तो छात्र आसानी से अपनी प्रतिभा का विकास कर सकते हैं। इसीलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं के प्रयोग पर जोर दिया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने छात्रों में विज्ञान और अनुसंधान के प्रति रुचि पैदा करें। अच्छे शिक्षक प्रकृति में मौजूद वास्तविक उदाहरणों की मदद से जटिल सिद्धांतों को समझाने में आसान बना सकते हैं।

उन्होंने एक आदर्श शिक्षक के गुण बताए, एक आदर्श शिक्षक को बताना चाहिए, समझाना चाहिए, प्रदर्शित करना चाहिए और प्रेरित करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने शिक्षकों से छात्रों में प्रश्न पूछने और संदेह व्यक्त करने की आदत को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक प्रश्नों के उत्तर देने और शंकाओं का समाधान करने से उनका ज्ञान भी बढ़ेगा।

राष्ट्रपति का पूरा भाषण यहां पढ़ें

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