भारतीय संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार ने 3 अगस्त 2023 को नई दिल्ली में “स्टडी इन इंडिया” (SII) पोर्टल जिसकी प्रतीक्षा बहुत समय से की जा रही थी उसको लॉन्च किया गया।

केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय विदेश मंत्री, डॉ. एस. जयशंकर के साथ मिलकर भारत को एक पसंदीदा वैश्विक शिक्षा स्थान के रूप में बढ़ावा देने के उद्देश्य से “स्टडी इन इंडिया” पोर्टल लॉन्च किया।  इस कार्यक्रम में जानी मानी हस्तियाँ उपस्थित थी। जैसे की श्रीमती अन्नपूर्णा देवी (शिक्षा राज्य मंत्री), डॉ. सुभाष शंकर (शिक्षा राज्य मंत्री), श्री राजकुमार सिंह (शिक्षा और विदेश राज्य मंत्री), डॉ. महेश शर्मा (संसद सदस्य) और मंत्रालय के शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के वरिष्ठ उच्च  अधिकारी और 10 से अधिक देशों के ऐम्बैसडर भी मौजूद थे।

जापान, रूस, इक्वेडोर , थाईलैंड, इथियोपिया, कजाकिस्तान और कोरिया गणराज्य जैसे विदेशी देशों के छात्र, जो वर्तमान में भारत में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं, ने वहां मौजूद हस्तियो को धन्यवाद के रूप में अपनी संस्कृति के स्मृति चिन्ह भेंट किए।

स्टडी इन इंडिया पोर्टल एक वेबसाइट है जो भारतीय उच्च शिक्षा (HEIs) से संबंधित पूरी जानकारी प्रदान करेगी। वेबसाइट अलग अलग प्रकार के शैक्षणिक कार्यक्रमों जैसे स्नातक (यूजी), स्नातकोत्तर (पीजी) और डॉक्टरेट स्तर के कार्यक्रमों को प्रदर्शित करेगी। यह भारतीय ज्ञान प्रणाली जैसे आयुर्वेद, योग, शास्त्रीय कला आदि में मौजूद सिलेबस भी प्रदान करेगा। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की शैक्षिक यात्रा को आसान बनाने के लिए शैक्षणिक सुविधाओं, अनुसंधान सहायता और संबंधित जानकारी के बारे में सभी जानकारी भी प्रदान की जाएगी।

पोर्टल की प्रभावशाली बात यह है कि छात्र अपनी पसंद के एक से अधिक संस्थानों और पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की शुरुआत से लेकर वीज़ा लगने के अंत तक छात्र की यात्रा को और अधिक आसान बना देगा।

श्री प्रधान के आधिकारिक बयान के अनुसार, “स्टडी इन इंडिया पोर्टल भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के शिक्षा को भू-राजनीतिक सीमाओं से परे बनाने के सपने को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।”

लॉन्च के मौके पर डॉ. एस. जयशंकर ने भी सभा को संबोधित किया, उनके अनुसार, “इस पोर्टल के लॉन्च का उद्देश्य अलग अलग देश के छात्रों का स्वागत करके भारत को वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनाना है। भारत में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की उपस्थिति से घरेलू छात्रों को भी मदद मिलेगी।” घरेलू छात्रों को वैश्विक अनुभव मिलेगा जो उन्हें वैश्विक कार्यस्थल के लिए बेहतर ढंग से तैयार करेगा। घरेलू छात्र विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं और यहां तक ​​कि सोच को बेहतर ढंग से समझने में सक्षम होंगे। जब ये छात्र अपने समाज में वापस जाएंगे तो वे भारत की क्षमता को दिखाएँगे।”

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