गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार में राष्ट्रीय सेवा योजना के सौजन्य से आरोग्यम अही संस्थान के सहयोग से दो दिवसीय स्वास्थ्य संबंधी शिविर लगाया गया। काउंसलर एंड साइकोलॉजिस्ट, एक्युप्रेशर एंड एक्यूपंचर थैरेपिस्ट विनीत कत्याल बतौर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
बिजनेस काउंसलर, एस्ट्रोलॉजर विक्रम गौर विशिष्ट अतिथि के रूप में रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समन्वयक डॉ अंजू गुप्ता ने की। इस शिविर में स्वास्थ्य संबंधी पद्धतियों ‘एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर’ से अवगत कराया गया। एक्यूपंक्चर दर्द से राहत दिलाने या चिकित्सा प्रयोजनों के लिए शरीर के विभिन्न बिंदुओं में सुई चुभाने और हस्तकौशल की प्रक्रिया है। साथ ही उन्होंने बताया एक्यूप्रेशर मालिश का एक प्राचीन रूप है, एक्यूप्रेशर रोग निदान तथा उपचार की पूर्णत: वैज्ञानिक विधि है, जिसमें शरीर के विभिन्न स्थलों पर विशेष रूप से दबाव देकर उन मर्मों को उत्तेजित कर जीवन को सुचारू रूप से चलाया जाता है।
मर्मों पर दबाब डालने से ऊर्जा में परिवर्तन-परिवर्धन होता है जिससे रोग शमन होता है। यह ज्ञान भारतीय दर्शन में आदिकाल से विद्यमान था, समय के साथ चीन, जापान, कोरिया, रूस आदि देशों में इस विलुप्त प्राण पद्धति का ज्ञान एक्यूप्रेशर के नाम से विकसित हुआ है, जो आज चरम सीमा की ओर पहुँच रहा है। डॉ अंजू गुप्ता ने कहा ‘एक्यूप्रेशर एक्यूपंक्चर और कलर थेरेपी’ के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की आवश्यकता है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात पा सके। रंग चिकित्सा पद्धति, जिसमें रंगों और प्रकाश का इस्तेमाल करके शरीर, मन, और आत्मा को संतुलित किया जाता है। इस थेरेपी में शरीर के ऊर्जा केंद्रों को ठीक करने के लिए रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। कार्यक्रम में 200 के लगभग स्वयंसेवकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।