आदमपुर के विधायक और आईएएस चंद्रप्रकाश अधिकारी जनता के हितों की आवाज उठाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान उन्होंने आदमपुर की सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया।
उन्होंने कहा कि “बासढ़ा सब-माइनर-2” जो मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल है, उस पर अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। इसी प्रकार, बालसमंद चैनल और कबीर माइनर पर भी कार्य करने की आवश्यकता है। चंद्रप्रकाश ने स्पष्ट किया कि आदमपुर के अधिकतर गांव राजस्व के अंतर्गत आते हैं। रेतीले क्षेत्र में स्थित होने के कारण इन गांवों में किसानों को सिंचाई की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई नहरें और खाल भी सूखे पड़े हैं। इसलिए, सभी माइनरों और खालों की तुरंत मरम्मत कराकर किसानों को राहत प्रदान करनी चाहिए।
विधायक चंद्रप्रकाश ने विधानसभा में आदमपुर हलके की मूलभूत सुविधाओं का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया। उन्होंने पेयजल, सुदृढ़ सीवरेज व्यवस्था, बेहतर सड़कों और स्कूलों की स्थिति में सुधार की मांग सरकार के सामने रखी। साथ ही, आदमपुर क्षेत्र के सरकारी स्कूलों और अन्य सरकारी संस्थानों में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात भी कही।
पंचायती राज और नगरपालिकाओं से संबंधित एक संशोधन पर चर्चा के दौरान, चंद्रप्रकाश ने आरक्षण से जुड़ी मांगें भी सरकार के सामने रखीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बीसीए वर्ग को नौकरी में 16% और बीसीबी वर्ग को 11% आरक्षण मिलता है। लेकिन नए संशोधन में बीसीए को 8% और बीसीबी को 5% आरक्षण देने की बात कही गई है, जो सही नहीं है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बीसीए को 16% और बीसीबी को 11% आरक्षण का प्रावधान यथावत रखा जाना चाहिए। चंद्रप्रकाश ने मुख्यमंत्री और संबंधित अधिकारियों से अपील की कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाए और आरक्षण नीति को सही ढंग से लागू किया जाए।
इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस शासनकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि 14 जुलाई 2014 को कांग्रेस सरकार ने पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को 10% से बढ़ाकर 15% किया था, जिसमें बीसीए को 10% और बीसीबी को 5% आरक्षण दिया गया था। उन्होंने सरकार से इस नीति को जारी रखने और पिछड़े वर्गों को उनके अधिकार दिलाने की मांग की।