विकसित भारत 2047 स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन सम्मेलन
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गुजविप्रौवि), हिसार में हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएसबी) और भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए-हरियाणा) के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को “विकसित भारत 2047 के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन में परिवर्तन” विषय पर एक हितधारक सम्मेलन आयोजित किया गया।
गुजविप्रौवि के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि नागरिकों का मूलभूत अधिकार हैं। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए शोधकर्ताओं, चिकित्सकों, योजनाकारों, उद्यमियों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
“सम्मेलन में विशेषज्ञों के विचार”
प्रो. बिश्नोई ने बताया कि विश्वविद्यालय हैल्थकेयर सेवाओं में कौशल विकसित भारत-2047 लिए प्रतिबद्ध है। आगामी सत्र से पैरामेडिकल सेवाओं से जुड़े कई नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं, और मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय मेडिकल संस्थानों और सरकारी स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार लाने के लिए प्रयासरत है।
“विकसित भारत 2047: हेल्थकेयर मैनेजमेंट में बदलाव पर राष्ट्रीय सम्मेलन”
आईएमए हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. महावीर जैन ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की आवश्यकता पर जोर दिया। उजाला सिग्नस हॉस्पिटल्स के संस्थापक व निदेशक डॉ. सुचिन बजाज ने कहा कि तकनीक के अधिकतम उपयोग से स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी बनाया जा सकता है। नागरिक अस्पताल, हिसार की सीएमओ डॉ. सपना गहलावत ने चिकित्सा के साथ प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया।
विशेषज्ञ सत्र और पैनल चर्चाएं
सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञ सत्र, कार्यशालाएं और पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं, जिनमें शामिल थेः
✅ स्वास्थ्य प्रबंधन के नवीन मॉडल
✅ सार्वजनिक स्वास्थ्य की चुनौतियां
✅ प्राथमिक उपचार और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण
- डॉ. बी.बी. बंगा (आधार हेल्थ इंस्टीट्यूट, हिसार) ने प्राथमिक उपचार के महत्व और आपातकालीन प्रक्रियाओं पर जानकारी दी।
- डॉ. गुंतास गिल (आदेश मेडिकल कॉलेज, शाहबाद) ने रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य सेवाओं और AI-आधारित तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया।
- डॉ. मनीषा मेहता (सुखदा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, हिसार) ने पर्यावरण-अनुकूल स्वास्थ्य अवसंरचना के महत्व पर प्रकाश डाला।