भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि देश में मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मंजूरी दे दी है। इन नर्सिंग कॉलेजों का उद्देश्य देश में नर्सिंग क्षेत्र के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम साबित करना है।
इन संस्थानों के लिए बजट सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है और सरकार आने वाले दो वर्षों में इस परियोजना को पूरा करेगी। भारत सरकार ने इन संस्थानों की स्थापना के लिए कुल 1570 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
इन नर्सिंग संस्थानों में तीनों तरह की नर्सिंग की ट्रेनिंग और शिक्षा दी जाएगी-
- मिडवाइफरी
- जनरल मिडवाइफरी
- BSc नर्सिंग
157 नर्सिंग संस्थान खोलने का मुख्य उद्देश्य देश में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार करना है। इन संस्थानों की स्थापना से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मानव संसाधनों की गुणवत्ता को बढ़ावा मिलेगा। इन नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के माध्यम से छात्रों के लिए लगभग 16,000 स्नातक सीटें भी जोड़ी जाएंगी, जिसके परिणामस्वरूप भारत में चिकित्सा शिक्षा का विस्तार होगा। मेडिकल कॉलेजों के साथ नर्सिंग संस्थानों का सह-स्थान मौजूदा परिसर, प्रयोगशालाओं, नैदानिक उपकरण, फैकल्टी आदि के इष्टतम उपयोग में मदद करेगा।
सरकार देश में हेल्थकेयर वर्कफोर्स में सुधार पर जबरदस्त ध्यान दे रही है। अब भारतीय नर्सों की सेवाओं को विदेशों में मान्यता मिल रही है, इसलिए उन्हें वैश्विक मानकों के अनुसार प्रशिक्षित किया जा रहा है और पिछले कुछ वर्षों में, रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। मेडिकल कॉलेजों में MBBS की सीटें बढ़ी हैं। 2014 से पहले, 387 मेडिकल कॉलेज थे और अब लगभग 660 कॉलेज हैं।
PM @NarendraModi Ji's Govt approves establishment of 157 new nursing colleges at a cost of Rs. 1570 Crore in co-location with existing medical colleges.
It will help in adding approx. 15,700 nursing graduates every year & ensure quality, affordable & equitable nursing education. pic.twitter.com/3N0f6tQDMJ
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) April 26, 2023