केंद्र सरकार की जांच टीम ने हरियाणा में 100 किलो धान में 62 किलो चावल निकला : गर्ग करेंगे बरवाला विधानसभ के गांवो के धन्यवादी दौं । चंडीगढ़ अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने आढ़ती व राईस मिलरों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि केंद्र सरकार ने जांच टीम हरियाणा में भेजकर शाहाबाद, अंबाला, करनाल में धान में कितना चावल निकलता है उसकी जांच करवाई थी।
केंद्र सरकार की जांच टीम में 100 किलो धान में 62 किलो चावल निकला हैं जबकि 17 प्रतिशत नमी में 62 किलो व ज्यादा नमी होने पर कम चावल निकलेगा और नमी 17 से कम होने पर चावल ज्यादा निकलेगा। बजरंग गर्ग ने कहा कि जबकि केंद्र सरकार जांच की मुताबिक 100 किलो धान में 62 किलो चावल निकलता है तो सरकार को राईस मिलरों से 67.5 किलो चावल लेने की बजाएं 62 किलो चावल लेना चाहिए। श्री गर्ग ने कहा कि जांच में धान का चावल में लगभग 42 प्रतिशत नाका टूटा हुआ निकला है जबकि सरकार 25 प्रतिशत टूटा नाका मांगती है।
सरकार को कम से कम 35 प्रतिशत टूटा नाके की छूट देनी चाहिए। बजरंग गर्ग ने कहा कि 100 किलो धान की मिलींग की सरकार राईस मिलरों को केंद्र सरकार 10 रुपए व हरियाणा सरकार 5 रुपए से 15 रुपए तक बोनस देती है जबकि 100 किलो धान में चावल निकालने का खर्चा लगभग 120 रुपए आता है। केंद्र व प्रदेश सरकार को 100 किलो धान में चावल निकालने की मिलींग 120 रुपए देनी चाहिए। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण राइस उद्योग लगातार नुकसान में चल रहा है।
सरकार की गलत नीतियों के कारण अनेकों राईस मीले हरियाणा व पंजाब में बंद हो चुकी है। हरियाणा व पंजाब में राईस मीले बंद होने से व्यापार व उद्योगों पर बुरा असर पड़ा है, जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ी है। सरकार को राईस उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 100 किलो धान के बदले 62 किलो चावल राईस मिलरों से लेना चाहिए।