मदुरै दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। वैगई नदी के तट पर स्थित यह मंदिर शहर सबसे पुराने बसे हुए शहरों में से एक है। मदुरै का नाम “मधुरा” शब्द से मिला है जिसका अर्थ है मिठास। मदुरै को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे “चार जंक्शनों का शहर”, “लोटस सिटी”, पूर्व का एथेंस और “स्लीपलेस ब्यूटी”। इनमें से प्रत्येक नाम शहर की विशेषता को दर्शाता है। कमल के आकार में निर्मित होने के कारण इस शहर को लोटस सिटी कहा जाता है।
मदुरै शहर विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में अपनी उपस्थिति के लिए जाना जाता है। विभिन्न धर्मों के अवशेष इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान बनाते हैं।
मदुरै शहर का मुख्य आकर्षण मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर है। यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर का गर्भगृह 3500 वर्ष पुराना है और मंदिर परिसर लगभग 45 एकड़ भूमि पर बना है। मदुरै के पुराने शहर में स्थित यह आयताकार मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। मंदिर में कुल 27 गोपुरम हैं, जिन पर देवी-देवताओं की रंग-बिरंगी आकृतियां बनी हैं। दक्षिण में गोपुरम सबसे बड़ा है और 160 फीट ऊंचा है। भक्तों को मंत्रमुग्ध देखकर मूर्ति को कीमती आभूषणों से सजाया जाता है।
मंदिर से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण त्योहार “मिनाक्षी थिरुकल्याणम (देवी मीनाक्षी का दिव्य विवाह)” है, जिसे स्थानीय लोग हर साल अप्रैल के महीने में मनाते हैं। इस विवाह प्रथा को “मदुरै विवाह” का नाम भी दिया गया है।
मदुरै में घूमने के लिए अन्य प्रमुख स्थान हैं थिरुमलाई नायक मंदिर, वैगई बांध, गांधी संग्रहालय, कैथेड्रल चर्च, काजीमार बड़ी मस्जिद और कई अन्य मंदिर।
कैसे पहुंचें मदुरै
मदुरै की परिवहन प्रणाली देश के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ी हुई है। मदुरै हवाई अड्डा दिल्ली, चेन्नई, मुंबई और बैंगलोर जैसे विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है। चेन्नई निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
मदुरै रेलवे नेटवर्क मुंबई, कोलकाता, मैसूर, कोयंबटूर और चेन्नई जैसे विभिन्न शहरों से जुड़ा है। मदुरै से चेन्नई, बैंगलोर, कोयंबटूर, त्रिवेंद्रम आदि जैसे विभिन्न शहरों के लिए बस सुविधा भी उपलब्ध है।
मदुरै का मौसम
मदुरै में मौसम शुष्क और गर्म है। हालांकि, अक्टूबर से मार्च के महीनों के बीच इस जगह की यात्रा करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान मौसम ठंडा और सुहावना होता है और पर्यटन के लिए उपयुक्त होता है।