गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में खेलों में दक्षता व कौशल पर कार्यशाला आयोजित
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार में खेल प्रशिक्षकों और कर्मचारियों के लिए ‘पारस्परिक कौशल एवं पेशेवर दक्षता’ कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला में डॉ. विजय कुमार और प्रो. दिनेश कटारिया ने संवाद कौशल और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर चर्चा की।”गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कार्यशाला में कुलसचिव डॉ. विजय कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि खेलों में सफलता केवल तकनीकी दक्षता पर ही निर्भर नहीं करती, बल्कि पारस्परिक कौशल, अनुशासन और सकारात्मक वातावरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।””जीजेयू हिसार कार्यशाला” में इस तरह की कार्यशालाएँ नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं।”
“इस कार्यशाला में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कई विभागों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।”
“गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में कार्यशाला”
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मुख्य वक्ता लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, दिल्ली के प्रतिष्ठित मनोचिकित्सक प्रो. दिनेश कटारिया रहे। उन्होंने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को तनाव और गुस्से को नियंत्रित करने की तकनीकों पर प्रकाश डाला और बताया कि सकारात्मक मानसिकता से खेल प्रदर्शन को बेहतर बनाया जा सकता है। कार्यक्रम में कुलपति के तकनीकी सलाहकार प्रो. संदीप राणा और मनोविज्ञान विभाग के प्रो. राकेश बहमनी ने भी अपने विचार साझा किए। प्रो. राणा ने कहा कि मानसिक रूप से सुदृढ़ होना खेल प्रदर्शन के लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि शारीरिक फिटनेस। वहीं, प्रो. बहमनी ने संवाद कौशल को सुधारने पर जोर देते हुए कहा कि गलतफहमियों और पूर्वाग्रहों को दूर करने से खेल जगत में बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सकता है।
“GJU खेल कार्यशाला”
कार्यशाला की अध्यक्षता खेल निदेशालय के डीन प्रो. मनीष कुमार ने की। उन्होंने कहा कि खेल जगत में संवाद कौशल की महत्ता पहले से अधिक बढ़ गई है और प्रशिक्षकों को खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए। खेल निदेशक डॉ. शशि भूषण लूथरा ने कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि यह कार्यशाला कर्मचारियों को व्यावसायिक और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर लाभान्वित करेगी। सहायक निदेशक मृणालिनी नेहरा ने कार्यस्थल के सकारात्मक माहौल और आपसी समझ को मजबूत करने में संवाद कौशल की भूमिका को रेखांकित किया। कार्यशाला में कुल 25 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें खेल प्रशिक्षक, सहायक निदेशक-कम-कोच, ग्राउंड्समैन और प्रशासनिक कर्मचारी शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन नेहा यादव ने किया।