गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गुजविप्रौवि), हिसार ने एक सराहनीय सामाजिक पहल करते हुए 94 जरूरतमंद विद्यार्थियों को कुल ₹6,73,500 की वित्तीय सहायता प्रदान की। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने सहायता राशि के चेक वितरित किए। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. विजय कुमार और शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. योगेश चाबा भी मौजूद रहे।
गुजविप्रौवि हिसार का प्रेरणादायक कदम: 94 विद्यार्थियों को मिली सहायता
कुलपति प्रो. बिश्नोई ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के सिद्धांतों पर चलते हुए विश्वविद्यालय केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशिता को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी विद्यार्थी केवल आर्थिक कारणों से शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा।
आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए गुजविप्रौवि की पहल
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कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE) – 26 विद्यार्थी
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इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (EEE) – 18 विद्यार्थी
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बायोटेक्नोलॉजी – 10 विद्यार्थी
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एचएसबी (बिजनेस स्कूल) – 10 विद्यार्थी
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गणित विभाग – 6 विद्यार्थी
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एआई एंड डेटा साइंस – 5 विद्यार्थी
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इंग्लिश विभाग – 5 विद्यार्थी
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जियोग्राफी – 2 विद्यार्थी
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मैकेनिकल इंजीनियरिंग – 2 विद्यार्थी
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हिंदी विभाग – 1 विद्यार्थी
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फार्मास्युटिकल साइंसेज – 1 विद्यार्थी
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फूड टेक्नोलॉजी – 1 विद्यार्थी
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प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी – 1 विद्यार्थी
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इनवायर्नमेंट साइंस एंड इंजीनियरिंग – 3 विद्यार्थी
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एलाइड हेल्थ साइंसेज – 1 विद्यार्थी
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लाइब्रेरी एंड इंफोर्मेशन साइंस – 1 विद्यार्थी
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जनसंचार विभाग – 1 विद्यार्थी
इनमें से 59 छात्र और 35 छात्राएं हैं, जिनमें कई अभिभावकविहीन और अत्यंत गरीब वर्ग से संबंधित हैं। इन सभी को छात्र कल्याण विभाग द्वारा चयनित किया गया है।
सामाजिक उत्तरदायित्व की मिसाल
डॉ. विजय कुमार ने कहा कि गुजविप्रौवि देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक प्रेरणा बनता जा रहा है। प्रो. योगेश चाबा ने बताया कि इस सहायता योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी विद्यार्थी की शिक्षा केवल वित्तीय कारणों से बाधित न हो।
यह कदम गुजविप्रौवि हिसार की ओर से शिक्षा को सुलभ और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो अन्य विश्वविद्यालयों के लिए रोल मॉडल बन सकता है।