राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कृषि क्षेत्र के वैज्ञानिकों से ऐसी तकनीक विकसित करने और प्रसारित करने का आह्वान किया, जो समस्याओं का समाधान ढूंढना होगा। इस बीच राष्ट्रपति ने पिछले एक दशक में कृषि उत्पादन और इसके दूसरे देशों में निर्यात में सफलता को लेकर संतुष्टि जताई। उन्होंने कि प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन के भयानक प्रभावों और संसाधनों के अत्याधिक दोहन की समस्याओं से निपटने में मदद करे।
‘कृषि क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने में मदद करें”, राष्ट्रपति मुर्मू का वैज्ञानिकों से आह्वान राष्ट्रपति ने यह टिप्पणी ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 40वें दीक्षांत समारोह में संबोधन के दौरान की। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से अपील की कि वह आगे आकर मृदा, पानी और पर्यावरण को जलवायु परिवर्तन से बचाने के लिए नए विचार लाएं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘ वैज्ञानिकों के पास ऐसे मुद्दों से की अहम जिम्मेदारी है।’ कहा, ‘रासायनिक और कीटनाशकों ने इस क्षेत्र के नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। मृदा, पानी और पर्यावरण पर वाला प्रभाव हम सभी के लिए की बात है। युवा वैज्ञानिकों को इन योगदान देने की अपील की। कहा, ‘यह हमारे कृषि वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन और किसानों के कठिन कृषि परिश्रम की वजह से संभव हुआ निपटने है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत उन्होंने की अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र, मत्स्य फर्टिलाइजर्स उत्पादन और पशुधन के विकास से लिए मजबूत होग सकती है।