शहरी स्थानीय निकायों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन के अंतिम दिन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री, आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि लोकतंत्र और विकास की नींव नगर निगमों में भी हाउस सेशन की नियमित प्रक्रिया से मजबूत हो सकती है। उन्होंने कहा कि हाउस सेशन से पारदर्शिता बढ़ती है और विकास योजनाओं की बेहतर मॉनिटरिंग संभव हो पाती है। इसी क्रम में उन्होंने नगर निगमों को विकास का इंजन बताते हुए सुझाव दिया कि इन निकायों को और अधिक सशक्त व सक्षम बनाना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 से अब तक देश में शहरीकरण दर में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2002 में जहां यह दर मात्र 20 प्रतिशत थी, वहीं वर्ष 2020 में यह बढ़कर 35 प्रतिशत तक पहुंच गई। वर्ष 2047 तक देश की शहरीकरण दर 50 प्रतिशत से भी अधिक हो जाएगी। इस बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए शहरी निकायों की कार्यप्रणाली को भी उसी गति से सशक्त बनाना और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने की प्रक्रिया आवश्यक है।
रियल डेवलपमेंट पर जोर: उन्होंने जोर देते हुए कहा कि शहरी निकायों को रियल डेवलपमेंट की ओर बढ़ना चाहिए। इसका मतलब केवल इमारतें बनाना नहीं, बल्कि लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। इसके लिए आवश्यक है कि योजनाएं जमीनी स्तर पर बनें और लागू हों।
नागरिकों की भागीदारी और पारदर्शिता आवश्यक: उन्होंने कहा कि यदि किसी शहर के विकास में नागरिकों की भागीदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाती है, तो उस शहर का विकास मॉडल देशभर में अनुकरणीय बन सकता है।
दक्षिण के प्रतिनिधियों ने साझा किए अनुभव: सम्मेलन के दूसरे सत्र में दक्षिण भारत के प्रतिनिधियों ने भारत सरकार की अमृत योजना व नगर निगमों के कार्यान्वयन से संबंधित अपने अनुभव साझा किए। प्रतिनिधियों ने बताया कि कैसे उन्होंने शहरी विकास के विभिन्न मॉडलों को अपनाकर नागरिकों की सुविधा के लिए योजनाओं को लागू किया।
महिलाओं की भूमिका पर भी हुई चर्चा: महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में कई नगर निगमों में विशेष प्रयास किए गए हैं। सम्मेलन में बताया गया कि कई स्थानों पर महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत तक सुनिश्चित की गई है।
74वें संविधान संशोधन और सामाजिक समावेश पर विशेष सत्र: सम्मेलन में 74वें संविधान संशोधन और सामाजिक समावेश पर विशेष सत्र का भी आयोजन किया गया। इसमें विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे संवैधानिक प्रावधानों के माध्यम से शहरी स्थानीय निकायों को सशक्त किया जा सकता है।
गुजरात अधिकारियों की सराहनीय उपस्थिति: सम्मेलन में गुजरात के प्रतिनिधियों की उपस्थिति भी सराहनीय रही। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने तकनीक के माध्यम से शहरी सेवाओं को सुगम बनाया।