महिला एवं बाल विकास विभाग की दो सेवाओं के लिए तय की गई समय-सीमा, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेग हरियाणा सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग की दो अहम सेवाओं को हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के अंतर्गत लाते हुए इनकी निश्चित समय-सीमा तय कर दी है। इससे न सिर्फ सेवा प्राप्त करने वालों को पारदर्शी व्यवस्था का लाभ मिलेगा, बल्कि संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अब राज्य में किसी भी निजी प्ले वे स्कूल को मान्यता देने की प्रक्रिया को 45 दिन के भीतर पूरा करना अनिवार्यहोगा। इसके साथ ही, मान्यता के नवीनीकरण की प्रक्रिया को अधिकतम 30 दिन में संपन्न करना होगा। सरकार की इस पहल का उद्देश्य प्रक्रियाओं को तेज करना, अनावश्यक देरी को समाप्त करना और नागरिकों को समयबद्ध सेवाएं प्रदान करना है।
सेवा देने के लिए पदनामित अधिकारी नियुक्
इन दोनों सेवाओं के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी को सेवा प्रदान करने वाला पदनामित अधिकारी बनाया गया है। यदि सेवा निर्धारित समय-सीमा के भीतर नहीं दी जाती है, तो संबंधित नागरिक शिकायत निवारण अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
प्रथम शिकायत निवारण अधिकारी: महिला एवं बाल विकास विभाग के महानिदेशक/
पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में अहम कदम
राज्य सरकार का मानना है कि सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में अधिक से अधिक सेवाओं को लाने से प्रशासनिक पारदर्शिता में वृद्धि होगी और आमजन को सरकारी तंत्र पर अधिक भरोसा होगा। विशेष रूप से शिक्षा और बाल विकास से जुड़ी सेवाओं में यह कदम एक सकारात्मक सुधार के रूप में देखा जा रहा है।
द्वितीय शिकायत निवारण अधिकारी
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / आयुक्त एवं सचिव यह व्यवस्था हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत बनाई गई है, जिसके अंतर्गत नागरिकों को सरकारी सेवाओं के लिए निश्चित समय में उत्तरदायी प्रणाली का लाभ मिलता है।