बुजुर्गों की सेवा व संभाल में जुटे मोक्ष वृद्धाश्रम में पूरे विधि विधान से 5 दिवसीय श्रीरामकथा का शुभारंभ हुआ। तपोभूमि परमहंस योग आश्रम के परम पूज्य ब्रह्मनिष्ठ स्वामी श्री कृष्णानंद सरस्वती जी की कृपापात्र बालयोगिनी साध्वी निष्ठानंद सरस्वती जी ने प्रभु श्रीराम को स्मरण करने का संकल्प करने का आह्वान किया। मोक्ष वृद्धाश्रम की संरक्षक माता पंकज संधीर, पूर्व मेयर शकुंतला राजलीवाला, डॉ. वंदना बिश्नोई, डॉ. हिमानी कंसल व डॉ. सविता सिंगला ने दीप प्रज्ज्वलन की परम्परा का निर्वहन किया। इस अवसर पर संगिनी ग्रुप की प्रधान सुनीता सिंघल, मधु गोयल, स्वाति तायल, विभूति तायल व आशा गुप्ता, फिरोजा-एशहर की प्रधान डॉ. वेद पूनिया व सरोज बेनीवाल एवं श्रीराधा रस धार से सुनीता सातरोडिय़ा, अनु गुप्ता व ऊषा बंसल सहित काफी गणमान्य लोग मौजूद रहे। दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत प्रभु श्रीराम की प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक होकर आराधना करते हुए जनकल्याण की कामना की गई। संगीतमयी श्रीरामकथा के पहले दिन साध्वी निष्ठानंद सरस्वती ने बालकांड व अयोध्याकांड पर प्रकाश डालते हुए बच्चों की तरह नादान और निष्काम बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि मन की मलिनता हटाकर प्रभु के प्रति समर्पित होने वाले भक्तों के समस्त कष्टों का निराकरण हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्रभु तो भाव के भूखे हैं, वे तो मात्र एक पुष्प से भी प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए राम-नाम जपने की आदत डालो। चाहे थोड़ी देर ही भगवान का नाम लो लेकिन शुरुआत तो करो। श्रीरामकथा के दौरान भजनों के माध्यम से भी प्रभु की स्तुति की गई। राम तेरा नाम सारी दुनिया से प्यारा है, मुझको तो राम जी तेरा ही सहारा है और मेरे मन में भी राम, मेरे तन में भी राम, रोम- रोम में समाया तेरा नाम जैसे भजन सुनकर मोक्ष वृद्धाश्रम के बुजुर्ग झूमने व नाचने लगे। मोक्ष वृद्धाश्रम की संरक्षक माता पंकज संधीर व प्रधान विजय भृगु ने बताया कि बुजुर्गों को आध्यात्मिक माहौल प्रदान करने के लिए समय-समय पर आश्रम में धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। इसी कड़ी में श्रीरामकथा का शुभारंभ किया गया है। 4 अगस्त तक चलने वाली श्रीरामकथा का समय दोपहर 3 बजे से सायं 5.30 बजे तक रहेगा। इस दौरान विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी व सदस्य भी मौजूद रहेंगे।
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