- गुरुग्राम में जैन आचार्य डॉ. लोकेश मुनि से की मुलाकात
- समाज में शांति, सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देने का लिया संकल्प
- कहा: शांति के साथ प्रबल शक्ति भी रखता है भारत
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि विश्व शांति केंद्र, गुरुग्राम पूरी दुनिया को जोड़ने, मानवता को एक सूत्र में पिरोने और शांति व भाईचारे का वातावरण स्थापित करने की दिशा में अनुकरणीय कार्य कर रहा है। जैन आचार्य डॉ. लोकेश मुनि द्वारा स्थापित यह केंद्र उनके आध्यात्मिक आदर्शों को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। मुख्यमंत्री गुरुवार को गुरुग्राम स्थित विश्व शांति केंद्र पहुंचे, जहां उन्होंने पूज्य आचार्य डॉ. लोकेश मुनि के दर्शन किए। इसके उपरांत वे केंद्र में आयोजित “शक्ति व शांति के संतुलन से राष्ट्र निर्माण” विषय पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। यह संगोष्ठी भारत के वीर जवानों को समर्पित थी, जहां मुख्यमंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजल अर्पित की। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत शांति प्रिय राष्ट्र होने के साथ-साथ एक प्रबल शक्ति भी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं। उनकी सोच युद्ध नहीं, बल्कि आतंकवाद को जमींदोज करने की रही है। भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा दूरदर्शी और ठोस निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” की नीति पर चलते हुए सरकार समाज के हर वर्ग को एकजुट कर समरसता और एकता का वातावरण बना रही है।
नैतिक मूल्यों की स्थापना में निभा रहा अहम भूमिका
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि आचार्य डॉ. लोकेश मुनि जी का यह प्रयास अहिंसा, करुणा और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ जैसे आदर्शों की पुनःस्थापना कर रहा है। अहिंसा विश्व भारती संस्था पिछले दो दशकों से अहिंसा यात्रा, नैतिक शिक्षा, सद्भावना प्रसार, नशामुक्ति अभियान और समाज में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए निरंतर कार्यरत है। आज जब विश्व हिंसा, आतंक, युद्ध और संघर्षों से जूझ रहा है, ऐसे समय में यह संस्था अंधकार में एक प्रकाश स्तंभ बनकर सामने आई है।
वैज्ञानिक, दार्शनिक और सामाजिक दृष्टिकोण का मंच
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन का स्थान है, बल्कि वैज्ञानिक, दार्शनिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी संवाद, शोध और जागरूकता का एक सशक्त मंच बन चुका है। यहां नशामुक्ति, मानसिक शांति, योग और ध्यान पर विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि भारत की पवित्र भूमि पर भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, महावीर, बुद्ध और गुरु नानक जैसे महान व्यक्तित्वों ने जन्म लिया, जिन्होंने हमेशा शांति, सहिष्णुता और सेवा का संदेश दिया। आज ऐसे संतों के सान्निध्य में देश को शांति का मार्गमिल रहा है। मुख्यमंत्री ने जनसमूह से अपील की कि इस पवित्र स्थान से यह संकल्प लें कि वे अहिंसा को जीवन का मूल मंत्र बनाएंगे और समाज में शांति, सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देंगे।
संस्था निभा रही है समृद्ध भारत के निर्माण में भूमिका
विश्व शांति दूत आचार्य डॉ. लोकेश मुनि ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व शांति केंद्र, अहिंसा विश्व भारती संस्था के माध्यम से समृद्ध भारत के निर्माण में अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। उन्होंने कहा कि जैन जीवन शैली आध्यात्मिकता, संतुलन और अहिंसा का संदेश देती है। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए घोषणा की कि उनके परिवारों को संस्था की ओर से 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
उपस्थित रहे ये गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर गुरुग्राम के विधायक श्री मुकेश शर्मा, आरएसएस के प्रांत संघचालक डॉ. पवन जिंदल, संस्था के ट्रस्टी डॉ. आलोक ड्रोलिया सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
