फरीदाबाद में 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का शुभारंभ
फरीदाबाद में 38वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला” अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का आज भव्य शुभारंभ हुआ। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्य अतिथि के रूप में मेले का उद्घाटन किया, जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित कई गणमान्य अतिथि इस ऐतिहासिक आयोजन के साक्षी बने। सूरजकुंड मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश के शिल्पकारों और कलाकारों की अनूठी कृतियों का प्रदर्शन होगा। इस बार मेले की थीम ओडिशा और मध्यप्रदेश को दी गई है, और विम्सटेक देशों की भी इसमें भागीदारी है, जिसमें भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सूरजकुंड का यह मेला केवल शिल्प और व्यापार का मंच नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
सूरजकुंड मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश के शिल्पकारों और कलाकारों की अनूठी कृतियों का प्रदर्शन होगा। इस बार मेले की थीम ओडिशा और मध्यप्रदेश को दी गई है, जबकि विम्सटेक देशों की भी इसमें भागीदारी है, जिसमें भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं।
सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले की भव्यता पर मुख्यमंत्री का बयान
उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सूरजकुंड का यह मेला केवल शिल्प और व्यापार का मंच नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और परंपरा का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पहल को इस आयोजन से जोड़ते हुए कहा कि यह मेला भारत की अद्वितीय कलात्मक विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला” न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश की संस्कृति, शिल्प और विरासत का उत्सव बन चुका है। उन्होंने कहा, “इस मेले में ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना झलकती है, जो भारत की विविधता में एकता को दर्शाती है।” मुख्यमंत्री ने बताया कि पहली बार इस मेले में ओडिशा और मध्यप्रदेश को संयुक्त रूप से थीम स्टेट बनाया गया है और 51 देशों की भागीदारी इसे वैश्विक मंच प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में हस्तशिल्प और शिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए ‘माटी कला बोर्ड’ और ‘स्वापन आजीविका मार्ट’ जैसी योजनाएं शुरू की हैं। इसके अलावा, डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए कलाकारों के उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने की भी पहल की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने किया सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला” का भ्रमण
उद्घाटन समारोह के बाद, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मेले में विभिन्न पैवेलियनों और स्टॉल्स का भ्रमण किया। उन्होंने थीम स्टेट ओडिशा के पैवेलियन में भगवान जगन्नाथ रथ और मूर्तियों के दर्शन किए और उनकी भव्यता की सराहना की। इसके बाद, हरियाणा पैवेलियन में उन्होंने पारंपरिक हरियाणवी पगड़ी पहनी और वहां के हस्तशिल्प को बारीकी से देखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूरजकुंड मेला देश और विदेश के पर्यटकों को भारतीय कला-संस्कृति की भव्यता से परिचित कराने का बेहतरीन मंच है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि यह मेला भविष्य में और अधिक भव्य रूप लेगा और हरियाणा को पर्यटन और शिल्प के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
मेले में पहली बार ग्रामीण खेलों को मिली जगह
हरियाणा के पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि पहली बार इस मेले में ग्रामीण खेलों को शामिल किया गया है, जिससे भारतीय पारंपरिक खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि सूरजकुंड मेले की शुरुआत 1987 में हुई थी और पिछले कुछ वर्षों में इसकी लोकप्रियता राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढ़ी है।
कला, संस्कृति और पर्यटन को देगा नई ऊंचाइयां
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत की हस्तशिल्प और कलाकृतियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान दिलाने के लिए डिजिटल मार्केटिंग और माइस टूरिज्म को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेला इस दिशा में बड़ा मंच साबित होगा और इससे कलाकारों, दस्तकारों और शिल्पकारों की आजीविका को भी नया आयाम मिलेगा।