सुरभि आर्ट गैलरी एंड इंस्टीट्यूट, हिसार जल्द ही ओ डी एम महाविद्यालय के छात्रों के लिए पेपर मैसे कला में एक विशेष इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। यह कार्यक्रम पारंपरिक हस्तकला में रुचि रखने वाले छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा और उन्हें इस लोककला के संरक्षण व नवाचार के लिए प्रेरित करेगा। इस इंटर्नशिप कार्यक्रम की अवधि लगभग 4 से 6 सप्ताह की होगी, जिसमें छात्रों को पेपर मैसे की निर्माण प्रक्रिया, डिजाइनिंग, रंगाई, सजावट और उत्पाद निर्माण जैसी तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन्हें अपने स्वयं के प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने और उन्हें प्रदर्शनी में प्रस्तुत करने का भी अवसर मिलेगा। इस पहल को औपचारिक रूप देने के लिए सुरभि आर्ट गैलरी एंड इंस्टीट्यूट और ओ डी एम महाविद्यालय के बीच एक एम ओ यू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस एम ओ यू पर ओ डी एम महाविद्यालय के निदेशक डॉ. अजीत सिंह और सुरभि आर्ट गैलरी एंड इंस्टीट्यूट की निदेशक सुश्री सुरभि ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर ओ डी एम महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रतिमा कुमार और सुरभि आर्ट सोसाइटी के चेयरमैन डॉ. राजेश जांगड़ा भी उपस्थित रहे। इस इंटर्नशिप कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एक बहुत पुरानी और विलुप्त होती कला पेपर मैसे को संरक्षित करना और नई पीढ़ी को इस पारंपरिक कला के प्रति जागरूक बनाना है। यह प्रयास न केवल कला के संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि युवाओं को इससे जोडऩे की भी एक सार्थक कोशिश है। डॉ. राजेश जांगड़ा ने कहा कि ‘इस इंटर्नशिप के बाद छात्र न केवल इस कला में दक्ष होंगे, बल्कि वे सरकारी योजनाओं की मदद से अपने स्वयं के उद्यमिता प्रोजेक्ट्स शुरू करने के लिए भी तैयार होंगे।’ उन्होंने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम छात्रों में आत्मनिर्भरता, नवाचार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि पेपर मैसे का उपयोग डेकोरेटिव आइटम्स जैसे वासेज, बाउल्स, और अन्य सजावटी वस्तुएं, स्कूल और कॉलेज के आर्ट प्रोजेक्ट्स में व क्राफ्टिंग मास्क, पपेट्स और अन्य रचनात्मक वस्तुएं डिजाइन करने में कई तरह से किया जाता है। ओ डी एम महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रतिमा कुमार ने इस सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि एक प्रतिष्ठित संस्थान सुरभि आर्ट गैलरी एंड इंस्टीट्यूट हमारे महाविद्यालय के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि हमारा महाविद्यालय विभिन्न क्षेत्रों में छात्रों की रुचियों को ध्यान में रखते हुए कई संस्थानों, कंपनियों और संगठनों के साथ इंटर्नशिप हेतु एम ओ यू साइन कर चुका है, ताकि विद्यार्थियों को व्यावसायिक अनुभव मिल सके और वे भविष्य के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सकें। यह इंटर्नशिप कार्यक्रम न केवल छात्रों के रचनात्मक और व्यावसायिक विकास को गति देगा, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाएगा।