हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्य स्तरीय परियोजना ‘बाल सलाह परामर्श व कल्याण केंद्र’ के तहत जिला बाल कल्याण परिषद, हिसार एवं राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, ठंडी सड़क के संयुक्त तत्वावधान में “बाधाओं को तोड़ना: महिला नवाचार – कैसे दें नेतृत्व को आकार” विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने महिला नेतृत्व व सशक्तिकरण पर अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए।
अनिल मलिक ने कहा कि यदि हम चाहते हैं कि हमारी बहनें और बेटियाँ नेतृत्व के क्षेत्र में आगे बढ़ें, तो उन्हें मार्गदर्शन, प्रशिक्षण, सहयोग और मजबूत समर्थन तंत्र की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को नेतृत्व के सिद्धांतों, रणनीतियों और जरूरी कौशल में दक्ष बनाना आवश्यक है ताकि वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें। उन्होंने लिंग आधारित पूर्वाग्रह, सामाजिक दबाव, रूढ़िवादी सोच और आत्मविश्वास की कमी जैसी बाधाओं की पहचान कर उन्हें तोड़ने पर बल दिया।
कार्यक्रम की संयुक्त अध्यक्षता जिला बाल कल्याण अधिकारी तृप्ति श्योराण और संस्थान की प्राचार्या राजरानी ने की। तृप्ति श्योराण ने कहा कि महिलाओं को जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए इंटर्नशिप के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव लेना चाहिए, आत्म-हानिकारक सोच से उबरना चाहिए और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने नेतृत्व निर्माण में सकारात्मक और प्रेरक वातावरण, नेटवर्किंग, सहयोग की भावना और पुरुषों की भागीदारी की भी आवश्यकता पर बल दिया।
प्राचार्या राजरानी ने अपने संबोधन में कहा कि मनोवैज्ञानिक जागरूकता और प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं में नेतृत्व के प्रति सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आत्मविश्वास से भरकर आगे बढ़ती हैं, तो समाज में परिवर्तन की लहर स्वतः आ जाती है।
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से अरुण, आकाश, मनीष सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति, संस्थान के स्टाफ और छात्राएं मौजूद रहीं। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को नेतृत्व के लिए प्रेरित करना और उन्हें सामाजिक एवं मानसिक बाधाओं को तोड़ने के लिए सक्षम बनाना था।
