रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी के नेतृत्व में हजारों लोगों की सहभागिता, पुष्पवर्षा और नारों से गूंजे रास्ते
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सेक्टर33, हिसार में देशभक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा। रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान धर्मवीर पानू के नेतृत्व में एक भव्य राष्ट्रध्वज यात्रा का आयोजन किया गया। तिरंगे के सम्मान और देश की आज़ादी के गौरवशाली इतिहास को समर्पित इस आयोजन में सेक्टर के हजारों लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कमर्शियल एरिया से शुरू हुई यात्रा
यात्रा की शुरुआत सेक्टर-33 के कमर्शियल एरिया से हुई, जहां से पुरुष, महिलाएं, युवा और बच्चे तिरंगे और देशभक्ति के नारों के साथ आगे बढ़े। ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘झंडा ऊंचा रहे हमारा’ जैसे जयघोष पूरे वातावरण में गूंज उठे। रंग-बिरंगे तिरंगों और बैनरों से सजे रास्तों पर देशभक्ति का माहौल देखते ही बनता था।
पुष्पवर्षा और स्वागत से गूंजे रास्ते
यात्रा सेक्टर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए आगे बढ़ी। इस दौरान स्थानीय निवासियों ने पुष्पवर्षा और तालियों के साथ तिरंगा यात्रा का स्वागत किया। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी इस आयोजन में शामिल होकर राष्ट्रीय एकता और सम्मान का संदेश दे रहे थे।
तिरंगे का महत्व समझाय
प्रधान धर्मवीर पानू ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि तिरंगा केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि स्वतंत्रता, एकता और बलिदान का प्रतीक है। यह हमें उन वीर शहीदों की याद दिलाता है जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए। उन्होंने युवाओं से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने और देश के गौरवशाली इतिहास को जानने की अपील की।
बच्चों का विशेष उत्साह
सह सचिव डॉ. सुरेंद्र बिश्नोई ने बताया कि बच्चों ने तिरंगे की थीम पर विशेष सजावट की और देशभक्ति गीतों के साथ कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। उनकी भागीदारी ने इस आयोजन में एक अलग ही ऊर्जा का संचार किया।
राष्ट्रगान और संकल्प के साथ समापन
यात्रा के समापन पर सभी ने एक साथ राष्ट्रगान गाया और देश की एकता व अखंडता की रक्षा का संकल्प लिया। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों को नमन किया गया, जिनकी बदौलत आज हम आज़ादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर धर्मवीर पानू, डॉ. सुरेंद्र बिश्नोई, रामकुमार संगवाल, डॉ. सुमन चावला, प्रो. निहारिका चौहान, प्रो. डॉ. मीना पानू, प्रो. मोनिका भाटिया, बबीता गोटिया, सुशील कुंडू, सावित्री, कलावती, सुलोचना कसवा, ज्योतिषका पानू, सीमा बिश्नोई, दीप्ति अहलावत, नीतीश गोयल, अशोक भूटानी, कृष्ण बिश्नोई, भारत मेहता, भागचंद वर्मा, बाबूलाल मित्तल, वीर सिंह राव, सुनील कड़वासरा, सतबीर मेहरा, राकेश कुमार, मास्टर रमेश, रामकुमार लोहान, भीमसेन रंगद्य, यशपाल परमार, जगदीश गोदारा, सूबेदार मैनपाल, धर्म सिंह खटकड़, बलबीर भुम्बक, धर्मपाल कस्बा, अमित गर्ग, धर्मपाल धारा, बलविंदर बिश्नोई, अभिनव राव, डॉ. कोर सिंह नेहरा, डॉ. नागेश नारायण चावला, महर्षि मास्टर रोहतास, लक्ष्मी नारायण, मास्टर बलदेव, राहुल भयाण, जितेंद्र नरवाल, मनीष गर्ग, अनुपम जावा, दलसिंह सहारन, मास्टर ताराचंद, मास्टर दिनेश बेरवाल, नीरज सोनी, कश्मीरी लाल भाटिया, सुखबीर संधू, देवेंद्र कुंडू, मुकेश संगवाल, रीना कड़वासरा, मास्टर अनु, सत्यदेव शास्त्री, महेंद्र बहादुर, कृष्ण बहादुर, दयानंद भूकल, नवीन तनेजा, पारुल आहूजा, तेजवान, निशांत गर्ग, चंद्रशेखर सहित हजारों गणमान्य लोग मौजूद रहे। तिरंगा यात्रा न केवल स्वतंत्रता दिवस का उत्सव बनी, बल्कि इसने समाज में एकता, सामाजिक सद्भाव और देशप्रेम की भावना को और भी मजबूत किया।