हिसार नगर निगम की सोमवार को आयोजित बैठक में मेयर प्रवीण पोपली ने अवैध कब्जों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। यह बैठक नगर निगम के अधिकारियों, पार्षदों और पूर्व पार्षदों की उपस्थिति में संपन्न हुई। बैठक में मुख्य रूप से नगर निगम की खाली पड़ी भूमि पर अवैध कब्जों और उन भूमि का पार्क के रूप में विकास करने पर चर्चा हुई।
अवैध कब्जे और भूमि के विकास पर चर्चा
बैठक के दौरान पार्षदों ने मेयर को सूचित किया कि सोहन सिनेमा के सामने और स्कूल के नजदीक स्थित नगर निगम की भूमि पर अवैध निर्माण किया जा रहा है। इस भूमि को नक्शे में पार्क के रूप में चिह्नित किया गया है, लेकिन कुछ लोग उस पर कब्जा कर रहे हैं। पार्षदों ने इस भूमि को शीघ्र पार्क में परिवर्तित करने की मांग की ताकि क्षेत्रवासियों को इसका लाभ मिल सके।
अवैध कब्जों पर नगर निगम की सख्त कार्रवाई
मेयर प्रवीण पोपली ने पार्षदों की शिकायतों को गंभीरता से लिया और नगर निगम की जेई और तहबाजारी टीम को मौके पर भेजने के निर्देश दिए। टीम ने मौके पर पहुंचकर अवैध निर्माण को गिराया और निगम की भूमि को कब्जा मुक्त किया। मेयर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नगर निगम के अधिकारी किसी भी अवैध कब्जे को बर्दाश्त न करें और ऐसे कब्जाधारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
अवैध कब्जों के कारण खाली भूमि का पार्क में विकास
बैठक में मौजूद पार्षदों ने नगर निगम को शहर की खुली जमीनों की पहचान कर उनका सही उपयोग सुनिश्चित करने का सुझाव दिया। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां हरित क्षेत्र और सार्वजनिक सुविधाओं की आवश्यकता है। मेयर ने इस सुझाव को ध्यान में रखते हुए आश्वासन दिया कि नगर निगम पार्षदों के सुझावों को प्राथमिकता देगा और शहर को स्वच्छ, सुविधायुक्त और हरित बनाने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
बैठक में इन लोगों ने लिया हिस्सा:
इस बैठक में अतिरिक्त आयुक्त शालिनी चेतल, उप-निगम आयुक्त वीरेन्द्र सहारण, पार्षद डॉ. सुमन यादव, संजय डालमिया, भीम महाजन, राजेन्द्र बिडलान, हरि सिंह सैनी, सत्यपाल पात्रू, मोहित सिंघल, राजेश अरोड़ा, रवि सैनी, गुलाब सिंह के साथ पूर्व पार्षद अनिल जैन, प्रीतम सैनी और डॉ. उमेद खन्ना भी उपस्थित रहे।
हिसार नगर निगम ने अवैध कब्जों को लेकर सख्त रुख अपनाया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है। इस कदम से न केवल नगर निगम की भूमि पर अवैध कब्जे की समस्या का समाधान होगा, बल्कि शहर में हरित क्षेत्र और सार्वजनिक सुविधाओं का भी विकास होगा।