शहर के प्रमुख सेवा संस्थानों में शुमार मोक्ष वृद्धाश्रम में अक्षय तृतीया पर्व बुधवार को श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बुजुर्गों ने प्रातःकाल भगवान की पूजा-अर्चना की तथा भजन-कीर्तन करतेहुए आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण किया। पर्व के उपलक्ष्य में विशेष फलाहार का आयोजन किया गया जिसमें बनाना शेक, गन्ने का रस व तरबूज वितरित किए गए। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे समाजसेवियों ने भी वृद्धाश्रम में सेवा कार्य करतेहुए बुजुर्गों के साथ समय बिताया और उन्हें आत्मीयता का अनुभव करवाया। संरक्षक माता पंकज संधीर व प्रधान विजय भृगु नेजानकारी देते हुए बताया कि मोक्ष वृद्धाश्रम केवल एक सेवा केंद्र नहीं बल्कि बुजुर्गों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और सामाजिक जुड़ाव का माध्यम बन चुका है। समय-समय पर धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से वृद्धजनों में उत्साह, स्फूर्ति व मानसिक सुकून का संचार होता है। उन्होंने बताया कि वृद्धाश्रम में न केवल बुजुर्गों की निशुल्क देखभाल, सेवा व इलाज किया जाता है, बल्कि लावारिस अथवा परिवार सेबिछड़े बुजुर्गों को पुनः उनके परिजनों से मिलाने में भी संस्था की सक्रिय भूमिका रहती है। एक विशेष उल्लेखनीय पहल के तहत वृद्धाश्रम में महिलाओं के लिए मंदबुद्धि आश्रम भी संचालित किया जा रहा है, जहां मानसिक रूप से अस्वस्थ महिलाओं का पुनर्वास, इलाज और देखभाल की जाती है। पुलिस व अन्य एजेंसियों द्वारा भेजी गई कई महिलाओं को यहां यथासंभव मानवीय सहायता प्रदान की जाती है। इस अवसर पर आश्रम परिसर में सकारात्मक ऊर्जा का माहौल देखने को मिला। बुजुर्गों के चेहरों पर संतोष और प्रसन्नता झलक रही थी, जो बताता है कि सेवा व संवेदना का यह केंद्र वास्तव में समाज की अमूल्य धरोहर बनता जा रहा है।
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