भवन निर्माण मजदूर संघ हरियाणा राज्य (इंटक) जिला हिसार की ओर से आज हजारों निर्माण श्रमिकों ने कांग्रेस भवन, राजगढ़ रोड हिसार में एकत्र होकर अपनी समस्याओं को लेकर जोरदार रोष प्रदर्शन किया। इस अवसर पर मजदूरों ने सरकार पर श्रमिकों की अनदेखी करने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। सभा की अध्यक्षता जिला प्रधान जोरा सिंह पाबड़ा ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय इंटक यूनियन के सचिव एवं हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष अमित यादव ने शिरकत की। मुख्य वक्ता प्रदेश महामंत्री व भवन निर्माण मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मवीर सिंह लोहान रहे और संचालन प्रदेश महामंत्री कृष्ण कुमार नैन ने किया। सभा में प्रमुख मुद्दा हरियाणा
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले और अवैध पंजीकरण का रहा। मजदूर नेताओं ने कहा कि बोर्ड की वेबसाइट को अचानक बंद कर दिया गया है, जिससे लाखों श्रमिकों को मिलने वाली सुविधाएं ठप हो गई हैं। मजदूरों का कोई दोष नहीं होने के बावजूद उन्हें योजनाओं से वंचित किया जा रहा है। नेताओं ने आरोप लगाया कि यह सारा घोटाला श्रम विभाग की गलत नीतियों और अधिकारियों की मिलीभगत का नतीजा है। यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार ने मजदूरों के पंजीकरण की पुरानी प्रक्रिया को खत्म करके 2018 से ऑनलाइन सिस्टम लागू किया। पहले पंजीकरण के लिए यूनियनों और श्रम विभाग के अधिकारियों को 90 दिन का कार्य प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार था, जिससे करीब 80 प्रतिशत पंजीकरण वैध और सही तरीके से हुए। लेकिन नई ऑनलाइन प्रणाली में यह अधिकार पंचायत सचिव, पटवारी, बीडीओ, तहसीलदार और सीएससी सेंटरों को दे दिया गया। इससे मजदूरों को वेरिफिकेशन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और भ्रष्टाचार बढ़ा है। यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा चुनावी रैलियों में किए गए पंजीकरण और 1100 रुपये देने की घोषणा ने भी गड़बड़ियों को और बढ़ा दिया है। सभा के दौरान मजदूरों
ने नारेबाजी करते हुए सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की। “मजदूर विरोधी सरकार मुर्दाबाद, हमारा हक हमें दो, घोटालेबाज अधिकारियों को सजा दो” जैसे नारे गूंजते रहे। मजदूरों ने कहा कि वेबसाइट बंद होने के कारण वे अपनी मेहनत की कमाई से जुड़ी योजनाओं और लाभ से वंचित हो रहे हैं। इससे मजदूरों में गहरा आक्रोश है और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
8 सूत्रीय मांग पत्र
सभा में मजदूरों ने अपनी 8 सूत्रीय मांगें रखीं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं-
- डब्ल्यूबीओसीडब्ल्यू बोर्ड की वेबसाइट तुरंत चालू की जाए और मजदूरों को लाभ दिया जाए।
- बोर्ड में स्थायी अधिकारी व कर्मचारी भर्ती किए जाएं और उसका स्वतंत्र ढांचा तैयार हो।
- 90 दिन की वेरिफिकेशन का अधिकार पुनः यूनियनों को दिया जाए।
- फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
- गलत तरीके से आपत्ति लगाकर रद्द किए गए लाभ के फॉर्म बहाल किए जाएं।
- फैमिली आईडी के नाम पर मजदूरों का उत्पीड़न बंद हो।
- जिला स्तर पर वेरिफिकेशन में यूनियनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
- प्रवासी मजदूरों सहित सभी का पंजीकरण विशेष कैंप लगाकर किया जाए।
मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री को सौंपा जाएगा ज्ञापन
सभा के बाद मजदूरों ने रैली निकालकर जिला उपायुक्त कार्यालय तक मार्च करने का ऐलान किया। वहां से हरियाणा के मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को प्रदेशभर में तेज किया जाएगा और सरकार को मजदूरों की ताकत दिखा दी जाएगी।
कई नेताओं ने किया संबोधन
इस अवसर पर विभिन्न तहसीलों और ब्लॉकों से आए प्रधानों और पदाधिकारियों ने भी मजदूरों को संबोधित किया। इनमें सुरेंद्र सैनी (नारनौद), केसर गहलोत (उकलाना), मीना खेदड़ (बरवाला), चत्तर सिंह (खेड़ी चोपड़ा), धर्मवीर कुलेरी (अग्रोहा), अनूप सारंगपुर (आदमपुर), प्रदीप बांडा हेड़ी, सुनीता (सिवानी), रोहित नैन (हांसी), रामोतार (भिवानी), नरेश भुक्कल और प्रवीन कुमार बोस्ती शामिल रहे।