भारत के औद्योगिक जगत को नई दिशा देने वाले महान दूरदर्शी, समाजसेवी और हरियाणा के पूर्व बिजली मंत्री स्वर्गीय श्री ओम प्रकाश जिन्दल जी की 95वीं जयंती पर मंगलवार को ओपी जिन्दल पार्क, गुजरी महल में भावभीनी श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और युवाओं ने भारी संख्या में भाग लेकर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण एवं हवन यज्ञ से हुई। इस पावन आयोजन में उपस्थित लोगों ने आहुतियां अर्पित करते हुए स्व. ओ.पी. जिन्दल जी के दिखाए मार्ग पर चलकर “आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण का संकल्प लिया। मंत्रों की गूंज और अग्नि की आभा ने वातावरण को पवित्रता और प्रेरणा से भर दिया। जयंती के उपलक्ष्य में हिसार की सब्जी मंडी क्षेत्र में फल और मिठाइयों का वितरण भी किया गया, जिससे स्व. जिन्दल जी की सेवा भावना और समाज के प्रति संवेदनशीलता को धरातल पर साकार किया गया। गरीब और जरूरतमंद लोगों के बीच प्रसाद वितरण कर उनके जीवन में मधुरता और स्नेह भरने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं
ने ओ.पी. जिन्दल जी के औद्योगिक योगदान, सामाजिक प्रतिबद्धता, और राजनैतिक दृष्टिकोण को विस्तार से रेखांकित किया। वक्ताओं ने कहा – “श्री ओपी जिन्दल जी केवल एक उद्योगपति नहीं, बल्कि वे एक विचार थे, एक आंदोलन थे, जिन्होंने बहुत पहले ही आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को व्यवहार में लाना शुरू कर दिया था। उनका जीवन हमें प्रेरणा देता है कि कैसे व्यक्तिगत सफलता को सामाजिक कल्याण से जोड़ा जा सकता है।” उन्होंने कहा कि जिन्दल जी की सोच समावेशी विकास की थी – एक ऐसा समाज जहाँ उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य और
मानवीय मूल्यों का समन्वय हो।
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