रात 7:50 बजे सायरन बजते ही बंद हुईं लाइटें, बाजारों से लेकर हाईवे तक छाया अंधेरा
हरियाणा में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर गत दिवस 11 जिलों में एकसाथ नागरिक सुरक्षा से जुड़ी मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास
किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य आपदा की स्थिति में जिला प्रशासन, पलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन व अन्य सरकारी एजेंसियों की तैयारियों और समन्वय को परखना था।
हिसार में रात 7:50 बजे अंधेरे में डूबा शहर
हिसार जिले में मॉक ड्रिल के बाद जैसे ही रात 7:50 बजे सायरन बजा, पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। शहर की प्रमुख व्यावसायिक जगहों में शामिल राजगुरु मार्केट समेत तमाम बाजारों की लाइटें बंद हो गईं। दुकानदारों ने सायरन बजने से पहले ही दुकानें बंद करनी शुरू कर दीं,
जबकि जिन दुकानों में ग्राहक मौजूद थे, वहां भी लाइटें 10 मिनट तक बंद कर दी गईं। यह पूरा ब्लैकआउट अभ्यास अनुशासन और सजगता का परिचायक बना।
हुटर और मुनादी के जरिए किया गया अलर्
ब्लैकआउट से पहले प्रशासन की ओर से पूरे शहर में मुनादी करवाई गई थी ताकि आमजन को जानकारी मिल सके। साथ ही पुलिस की
गाड़ियों पर हूटर बजाकर लोगों को ब्लैकआउट का संदेश दिया गया। प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए लोगों ने घरों, दुकानों और
ऑफिसों की बिजली समय रहते बंद कर दी। उपायुक्त ने बताया कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन
अधिनियम, 2005 के अंतर्गत प्रतिक्रिया प्रणाली को औपचारिक रूप से लागू किया है। इसका उद्देश्य आपदा के समय भ्रम की स्थिति से
बचते हुए समयबद्ध और प्रभावी निर्णय सुनिश्चित करना है
संयुक्त मॉक ड्रिल से परखी गई तैयारियां
इससे पहले दिन में हिसार जिला मुख्यालय, हांसी, बरवाला और नारनौंद उपमंडल मुख्यालयों पर मॉक ड्रिल की गई थी। उपायुक्त अनीश यादव की अगुवाई में हुए इस अभ्यास में एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियों ने मिलकर राहत एवं बचाव कार्यों को अंजाम दिया। इस दौरान आपात प्रतिक्रिया प्रणाली की दक्षता का परीक्षण किया गया।इस मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट
अभ्यास से जिला प्रशासन की तत्परता, आपसी तालमेल और लोगों की जागरूकता की झलक देखने को मिली। जिला प्रशासन ने बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत इस प्रकार की तैयारी आवश्यक है ताकि किसी भी संकट की घड़ी में प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।