गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गुजविप्रोवि), हिसार के अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विभाग में ‘बेहतर भविष्य की संभावनाओं के लिए साहित्य एवं संचार कौशल का महत्व’ शीर्षक से एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में प्रतिष्ठित संचार विशेषज्ञ प्रोफेसर संजीव चौधरी (मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग, बिड़स पिलानी) मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित रहे। अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. प्रियंका सिंगला ने की।
प्रोफेसर चौधरी ने साहित्य की कालातीत प्रासंगिकता और आज के वैश्वीकरण विश्व में संचार के उभरते परिदृश्य पर चर्चा करते हुए ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। साहित्य को मानवीय अनुभवों, भावनाओं और संस्कृति का दर्पण बताते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे साहित्यिक ज्ञान विश्लेषणात्मक सोच और सहानुभूति को समृद्ध करता है—जो किसी भी पेशेवर क्षेत्र में आवश्यक गुण हैं।
विद्यार्थियों ने साहित्य के सांस्कृतिक क्षेत्र के बारे में अपनी शंकाओं का समाधान करते हुए मुख्य वक्ता के साथ बातचीत की। प्रोफेसर चौधरी ने विद्यार्थियों व शिक्षकों को शोध की बारीकियों और साहित्य के विद्यार्थियों की भविष्य की संभावनाओं के बारे में मार्गदर्शन भी दिया। डॉ. प्रियंका सिंगला ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य साहित्य का अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के लिए आशाजनक करियर पथ तैयार करने में कुशल संचार और साहित्य की गहरी समझ की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालना था।
यह व्याख्यान साहित्य के विद्यार्थियों की एक ऐसी पीढ़ी तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल साहित्यिक परंपराओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं, बल्कि आत्मविश्वास से भरे संचारक भी हैं और चुनौतियों को अवसरों में बदलने के लिए तैयार हैं।
इस अवसर पर संकाय सदस्यों में डॉ. साक्षी जैन, डॉ. तमन्ना और डॉ. आशा गुप्ता शामिल थीं।