गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार में हैकविदइंफी 2025, जो कि इंफोसिस द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर की कोडिंग प्रतियोगिता है, पर एक ओरिएंटेशन सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल और कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग (सीएसई) द्वारा संयुक्त रूप से चौधरी रणबीर सिंह ऑडिटोरियम के सेमिनार हॉल-1 में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य प्री-फाइनल वर्ष के विद्यार्थियों को इस बहुमूल्य करियर अवसर के बारे में सूचित करना और उन्हें प्रेरित करना था। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने सीएसई विभाग और ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल को इस प्रभावशाली सत्र के आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने विद्यार्थियों को करियर-उन्मुख मार्गदर्शन प्रदान करने के प्रयासों की सराहना की और सभी से इस कार्यक्रम में ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ भाग लेने का आग्रह किया। सीएसई विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओ.पी. सांगवान इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने सभी बीटेक, एमटेक और एमसीए कार्यक्रमों के प्री-फाइनल वर्ष के विद्यार्थियों से हैकविदइंफी के लिए पंजीकरण करने और गंभीरता से तैयारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्लेटफार्म बेहतर भूमिकाओं और उच्च वेतन पैकेज के लिए अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सीएसई विभाग हैकविदइंफी के लिए समर्पित तैयारी कक्षाएं आयोजित करेगा ताकि विद्यार्थियों को उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में मदद मिल सके। प्लेसमेंट निदेशक डॉ. प्रताप सिंह ने उपस्थित विद्यार्थियों का स्वागत किया और यह जोर दिया कि इंफोसिस को गुणवत्ता वाले प्रोग्रामर्स की आवश्यकता है, और हैकविदइंफी योग्य विद्यार्थियों के लिए एक उत्कृष्ट अवसर है। उन्होंने बताया कि हैकविदइंफी 2025 का टेस्ट 12-13 जुलाई 2025 को आयोजित किया जाएगा और इसमें तीन कोडिंग प्रश्न होंगे। इस कोडिंग प्रतियोगिता में प्रदर्शन के आधार पर इंफोसिस तीन प्रोफाइल पेश करता है। इनमें सिस्टम इंजीनियर (एसई) 3.6 लाख रूपये वार्षिक पैकेज के साथ, डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर (डीएसई) 6.25 लाख रूपये वार्षिक पैकेज के साथ और स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर (एसपी) 9.5 लाख रूपये वार्षिक पैकेज के साथ। उन्होंने विद्यार्थियों से इस अवसर का लाभ उठाने का आह्वान किया, ताकि वे न केवल अपना करियर बनाए, बल्कि विश्वविद्यालय की उद्योग में पहचान बढ़ाने में भी योगदान दें। ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट समन्वयक डॉ. जय भगवान ने हैकविदइंफी के महत्व, पाठ्यक्रम, परीक्षण पैटर्न और संरचना पर एक जानकारीपूर्ण प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि परीक्षण में तीन कोडिंग प्रश्न होंगे, जो प्रोग्रामिंग कौशल और समस्या- समाधान क्षमता का मूल्यांकन करेंगे। कार्यक्रम समन्वयकों छवि और चैतन्य ने पंजीकरण प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से समझाया और तैयारी की रणनीतियों और समय रखा को साझा किया। कार्यक्रम में डॉ. अंजू सांगवान, डॉ. पवन, डॉ. बिंदु और डॉ. नरेंद्र कुमार जैसे संकाय सदस्य भी उपस्थित थे, जिन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया। सहायक निदेशक (टीएंडपी) डॉ. आदित्य वीर सिंह ने जानकारी दी कि इस कार्यक्रम का समन्वय एक टीम द्वारा किया गया, जिसमें छवि सागर (बीटेक आईटी), सेजल (बीटेक सीएसई), चैतन्य (बीटेक एमई), आयुष मोहित (बीटेक ईई), कार्तिकेय सैनी (बीटेक सीएसई), विशाल (बीटेक आईटी), और पुनीत वर्मा शामिल थे। कार्यक्रम की एंकरिंग सेजल (बीटेक सीएसई) द्वारा की गई। यह ओरिएंटेशन सत्र विद्यार्थियों में उच्च उत्साह और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सम्पन्न हुआ, जो उन्हें हैकविदइंफी 2025 के लिए पंजीकरण करने, तैयारी करने और ऊंचे लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित करता है।
