भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष और अमेरिका की मध्यस्थता से हुए युद्धविराम के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय वायु सेना का आधिकारिक बयान सामने आया है। वायु सेना ने स्पष्ट किया है कि यह ऑपरेशन अभी जारी है और इसे पूरी सटीकता, गोपनीयता और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर अंजाम दिया जा रहा है। रविवार को भारतीय वायु सेना ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा, भारतीय वायु सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अपने कार्यों को सटीक और पेशेवर ढंग से सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। ऑपरेशन को राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुसार सोचसमझकर और गोपनीय तरीके से संचालित किया गया है। चूंकि ऑपरेशन अभी जारी है, इसलिए विस्तृत जानकारी उपयुक्त समय पर साझा की जाएगी। वायुसेना ने जनता से अपील की कि अफवाहों, अटकलों और असत्यापित सूचनाओं से बचें। बयान में कहा गया, भारतीय वायु सेना सभी से अनुरोध करती है कि वे अटकलों और असत्यापित जानकारी के प्रसार से बचें। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भले ही युद्धविराम की घोषणा के बीच जारी हो, लेकिन वायुसेना का बयान यह साफ करता है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। ऐसे समय में जब सीमा पर हालात तनावपूर्ण हैं, भारतीय वायु सेना की यह अपील बेहद अहम है कि लो सोशल मीडिया पर अटकलें लगाने से बचें और सिर्फ आधिकारिक सूत्रों से ही जानकारी लें।
ट्रंप की मध्यस्थता से युद्धविराम लेकिन विश्वास की कमी
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान तीन दिनों से जारी संघर्ष पर पूर्ण युद्धविराम के लिए सहमत हो गए हैं। यह सहमति अमेरिका की मध्यस्थता से बनी है। हालांकि, यह युद्धविराम ज्यादा देर टिक नहीं पाया।
पाकिस्तान ने देर रात किया सीजफायर का उल्लंघन
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार देर रात जानकारी दी कि पाकिस्तान ने इस युद्धविराम का गंभीर उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान की ओर से यह कार्रवाई अत्यंत निंदनीय है और इसकी पूरी जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है। मिस्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय सेना को सख्त जवाबी कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं और वह सीमा पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने में जुटी है।
आतंक के खिलाफ सख्त नीति
भारत सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि वह अब आतंकवाद को लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगी। शीर्ष सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भविष्य में भारत के खिलाफ होने वाली किसी भी आतंकी घटना को ‘युद्ध की कार्रवाई’ माना जाएगा और उसका जवाब भी उसी स्तर पर दिया जाएगा।
