बार-बार चुनाव कराए जाने से देश के धन, समय और संसाधनों की भारी बर्बादी होती है। यदि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो यह देश हित में एक बहुत बड़ा कदम साबित होगा। यह बात हरियाणा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने डीएन कॉलेज रोड स्थित नरायणी देवी सेवा सदन में आयोजित एक संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता “एक देश, एक चुनाव” के जिला संयोजक कृष्ण खटाना वकील ने की, जबकि संचालन विधानसभा संयोजक राम चंद्र गुप्ता द्वारा किया गया। डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां जनता अपने मताधिकार के जरिए सरकार चुनती है। वर्तमान प्रणाली में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव अलगअलग समय पर होते हैं, जिससे देश में हर कुछ महीनों में कहीं न कहीं चुनाव चलते रहते हैं। इससे ना केवल विकास कार्य बाधित होते हैं, बल्कि सरकारी खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है। उन्होंने कहा कि “एक देश, एक चुनाव” का आशय है कि पूरे देश में लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं। इससे न केवल करोड़ों रुपये की बचत होगी, बल्कि समय की भी बचत होगी, जो देश के विकास में उपयोग हो सकती है। पूर्व मंत्री ने कहा कि बार-बार चुनाव की वजह से आचार संहिता बार-बार लागू हो जाती है, जिससे विकास कार्य रुक जाते हैं। एक साथ चुनाव होने पर आचार संहिता एक बार ही लागू होगी और शेष समय सरकार निर्बाध रूप से जनहित में काम कर सकेगी। डॉ. गुप्ता ने यह भी कहा कि इससे देश में राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी और विकास कार्यों को गति मिलेगी। जनता को बार-बार चुनाव की प्रक्रिया से भी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह कहा जा सकता है कि “एक देश, एक चुनाव” देश के लिए एक अच्छा और जरूरी कदम है, जिससे भारत की प्रगति और तेज़ हो सकती है। इसके अतिरिक्त सुरेश गोयल धूप वाला, तीनों मंडल अध्यक्ष दीपक अग्रवाल, लोकेश असीजा, राहुल सैनी, कृष्ण बिश्नोई, मनोज बुडाकिया, नरेश सिंघल, दीनदयाल गोरखपुरिया, सुरेंद्र सिंह सैनी, उषा सिंह कौशिक, प्रोमिला पूनिया, उमेद खन्ना, विनोद तोशावड़, शंकर गोस्वामी सहित कई प्रबुद्धजन एवं समाजसेवी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
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