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स्वदेशी जागरण मंच के उत्तर क्षेत्र की चिंतन बैठक में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार का आह्वान
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7 से 14 अगस्त तक मनाया जाएगा अगला क्रांति सप्ताह, स्वदेशी वस्तुओं की प्रदर्शनी, मेला उत्सव, पत्रक वितरण, नुक्कड़ नाटक व बुक्स सभाओं का होगा आयोजन
स्वदेशी जागरण मंच के उत्तर क्षेत्र की चिंतन बैठक में स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान किया गया। हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल व जम्मू कश्मीर राज्य स्वदेशी जागरण मंच से जुड़े पदाधिकारीगण व ‘स्वदेशी रिसर्च एंड एनालिसिस यूनिट’ से आए अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया। बैठक का आयोजन इस बार हरियाणा की प्राचीन ऐतिहासिक नगरी कुरुक्षेत्र में हुआ।
इस बैठक में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने व विदेशी उत्पादों का बहिष्कार करने हेतु गहन मंथन हुआ। बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैक्स का भारत पर प्रभाव और गैर-टैरिफ बाधाओं का उपयोग करके विदेशी कंपनियों की भारत में प्रविष्टि पर विशेष रूप से चर्चा हुई।
स्वदेशी सूत्रधार स्वालंबन अभियान और चीनी कंपनियों के बहिष्कार जैसे टॉपिक प्रमुखता से छाए रहे। स्वदेशी जागरण मंच के प्रांतीय संयोजक अशोक गोयल ने जानकारी दी कि 7 अगस्त से 14 अगस्त तक अगला क्रांति सप्ताह मनाया जाएगा। इस सप्ताह के दौरान स्वदेशी वस्तुओं की प्रदर्शनी, मेला उत्सव, पत्रक वितरण, नुक्कड़ नाटक व बुक्स सभाओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह को विदेशी कंपनियों भारत छोड़ो दिवस के रूप में भी मनाया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य व राष्ट्र स्तरीय पदाधिकारीगण व कार्यकर्ता घर-घर जाकर जनता को स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के लिए प्रेरित करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि स्वदेशी उत्पादों की खरीद और किसी भी राष्ट्र की सच्ची सेवा है। 1991 में अपनी स्थापना से ही स्वदेशी जागरण मंच स्वदेशी आंदोलन के माध्यम से राष्ट्र सेवा कर रहा है। जनमानस में जागरूकता पैदा कर रहा है। यह स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के आधार पर ही संभव हो सकता है।
स्वदेशी जागरण मंच के अनुसार वर्तमान में अमेरिका और अन्य देश अधिक संरचनात्मक बन रहे हैं और टैरिफ बाधाओं और अन्यायपूर्ण गैर-टैरिफ उपायों का उपयोग करके वॉशिंगटन निर्माताओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, विशेष रूप से चीन द्वारा अतिरिक्त क्षमताओं के आधार पर माल के डंपिंग तथा निर्माण को बढ़ावा देने के कारण देश को नुकसान पहुंच रहा है। जिससे घरेलू उद्योगों की रक्षा करना एक महत्वपूर्ण कार्य हो सकता है। स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि मूल्यवृद्धि विदेशी मुद्रा बहिर्गमन से बहुत हद तक कम हो सकती है। सामान्य रूप से विदेशी कंपनियां मूल्य वृद्धि और लुभावने ऑफर, मुफ्त सेवाओं की बाहुल्यता, मुफ्त उत्पादों को छोड़ विदेशी उत्पादों की बिक्री बढ़ा रही हैं। लोकल उत्पादन, स्थानीय उत्पादों का समर्थन और स्थानीय कारोबारों को बढ़ावा देना ही राष्ट्र निर्माण की दिशा में सशक्त कदम है। स्वदेशी जागरण मंच का प्रयास है कि स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर रणनीतिक रूप से कार्य हो, और लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाए।
