जिंदल अस्पताल में राष्ट्रीय कैंसर उत्तरजीवी दिवस (नेशनल कैंसर सर्वाइवर्स डे) जो कि कैंसर से जूझने और उससे उबरने वाले लोगों को सम्मान देने, प्रेरित करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए होता है, मनाया गया, जिससे लोग जल्दी निदान और उपचार के महत्व को समझ सकें। यह दिन कैंसर से बचे लोगों को उनकी बहादुरी और संघर्ष के लिए सम्मान व अपने अनुभवों को साझा करने और एक-दूसरे से जुडऩे का अवसर प्रदान करता है।
यह कार्यक्रम जिंदल अस्पताल के सभागार में आयोजित किया गया जिसमें कैंसर के सभी विभाग के डॉक्टरों ने भाग लिया और कहा कि कैंसर से बचना एक लंबी और चुनौतीपूर्ण यात्रा हो सकती है, लेकिन यह संभव है। कैंसर सिर्फ एक बिमारी नहीं, बल्की एक परीक्षा है जो जीवन की असली शक्ति को उजागर करती है। इस यात्रा में चिकित्सा विज्ञान का योगदान महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे बड़ी शक्ति अपके भीतर है। आपका आत्मबल, परिवार का समर्थन, और वह इच्छा शक्ति जो आपको विजय बनाती है। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जिसमें नृत्य और नाटक से कैंसर उत्तरजीवियों में मनोरंजन और उत्साह से भरी लहर दौड़ पड़ी।
अस्पताल की निदेशक डॉ. ऋतु चौपड़ा ने कहा मैं खुद एक कैंसर उत्तरजीवी हूं जब मुझे पता चला था कि मुझे कैंसर है ऐसे में खुद को संभाल पाना बहुत मुश्किल था और इसके साथ साथ परिवार के सदस्यों पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता नजर आ रहा था। परिवार के द्वारा सामना किये जाने वाली चुनौतियों आसान नहीं थी। इसके बावजूद हम लड़े और उपचार के माध्यम से बीमारी को हरा दिया। जिन्दल
अस्पताल इस क्षेत्र का (एनसीआर के बाहर) पहला कैंसर अस्पताल है, जिसमें सभी कैंसर रोगों के उपचार के लिए सभी मशीनें और विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। कम कीमत पर एक ही छत के नीचे रोग की पहचान से लेकर उपचार तक अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अनुभवी डॉक्टरों की सेवाओं में गुणवत्ता व रोगी देखभाल में कोई समझौता नहीं किया जाता है। इस अवसर पर अस्पताल की निदेशक डॉ. ऋतु चौपड़ा, डॉ. प्रियंका छाबड़ा, कैंसर विभाग के चिकित्सक डॉ. सत्य नारायण, डॉ. अभिजीत तिवारी, डॉ. रमेश कस्वां, स्टाफ और कैंसर उत्तरजीवी परिवार सहित मौजूद रहें।