हरियाणा के सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि “आम्रपाली” अभियान समाज को पर्यावरण और परंपरा से जोड़ने वाला एक अनूठा प्रयास है, जो हमारे संस्कारों की नींव को मजबूत करता है। वे आज यहां “आम्रपाली” स्मारिका के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज, भिवानी रोहिल्ला, हिसार की प्राचार्या डॉ. शमीम शर्मा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “आम उगाओ, आमदनी बढ़ाओ, पर्यावरण बचाओ” का नारा न केवल हरियाली को बढ़ावा देगा बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि करेगा। डॉ. अग्रवाल ने ग्रामीण क्षेत्र में कन्या महाविद्यालय शुरू करने के कदम को सराहनीय बताते हुए कहा कि इससे गांव की बेटियों को घर के पास ही उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भी लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक 20 किलोमीटर पर कन्या महाविद्यालय खोल रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही विभाग की अतिरिक्त निदेशक श्रीमती वर्षा खांगवाल ने “आम्रपाली” अभियान को समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया और कहा कि यह हमें पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी का एहसास कराता है। उन्होंने कहा कि विरासत सिर्फ जमीन की नहीं, बल्कि हरियाली की भी होती है, जिसे हमें अगली पीढ़ी को सौंपना चाहिए। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शमीम शर्मा ने अभियान की शुरुआत से लेकर अब तक के सफर पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कॉलेज के विद्यार्थियों के सहयोग से आम के पौधे लगाने का कार्य शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि आम का पेड़ पांच साल में फल देने लगता है, जिसे घरआंगन में लगाकर व्यक्तिगत उपयोग या खेती-बाड़ी में लगाकर अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है। विमोचन समारोह में हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. चंद्र त्रिखा, विभाग की संयुक्त निदेशक श्रीमती उर्वशी रंगारा, संयुक्त निदेशक श्री राज सिंह कादयान, कॉलेज की निदेशक डॉ. नीलम प्रभा, इतिहास के सेवानिवृत्त प्रो. एम.एम. जुनेजा, डॉ. आशा सहित कई अधिकारी और साहित्यकार उपस्थित रहे।
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