ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में तीखी बहस हुई। रूस, चीन, पाकिस्तान और अन्य देशों ने एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया। इसमें पश्चिमी एशिया में तत्काल और बिना शर्त युद्ध विराम की मांग की गई है। इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान के 6 एयरबेस पर हमला किया है। आईडीएफ ने ईरान के मध्य, दक्षिण और पश्चिमी भाग में 6 बड़े और अहम ठिकानों को तबाह किया है। आईडीएफ ने कहा कि इन हमलों में उन्होंने ईरानी लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों को नष्ट कर दिया है। इजरायली सेना लगातार ईरान पर निगरानी रख रही है। इसरायली सेना ने कहा कि इजरायली सेना ने ईरान की राजधानी तेहरान और कराज को निशाना बनाया है। ईरान ने भी इजरायल पर ताबड़तोड़ बैलिस्टिक मिसाइलें दागनी शुरू कर दीं। इजरायल के कई हिस्सों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। ईरान ने इजरायल पर पहला हमला कर कई शहरों में धमाके सुनाई दिए। ईरान की राजधानी में ब्लास्ट की गूंज दूर-दूर तक सुनाई दी। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हमले में बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं।
ईरान पर अमेरिकी हमले का असर पाकिस्तान से देखने को मिला रहा है। पाकिस्तान ने स्थिति को गंभीर बताते हुए यूएन-ईरान-इजरायल युद्ध में अब तक 950 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई है। शॉर्लिंग आधारित मानवाधिकार समूह के अनुसार इजरायल के हमलों में 950 निर्दोष नागरिक मारे गए हैं, 3450 से अधिक घायल हुए हैं। ईरान पर बैक टू बैक हमले में कुल 24 नागरिकों की मौत हुई है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि ईरान के युद्ध क्षेत्र से पलायन कर रहे लोगों के लिए एक खतरनाक मोड़ ले रही है। तुरंत और निर्णायक रूप से कार्रवाई करनी होगी, ताकि लड़ाई रुकी जा सके। चीन के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र को बातचीत फिर से शुरू कर सकने के लिए निर्णायक भूमिका निभानी होगी। संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थाई सदस्य कुन ने कहा कि पश्चिम एशिया क्षेत्र पर असर पड़ रहा है। शांति वार्ता की जा सकती है। संवाद और सहमति ही समाधान का सही रास्ता है। ईरान युद्ध पर अमेरिकी प्रतिक्रिया बेहद ही भ्रामक नहीं हुई है। गुटेरेस ने कहा कि ईरान पर हमले को लेकर स्थिति बेहद नाजुक और जटिल हो गई है। यह गंभीरता से देखा जाना चाहिए कि परमाणु हथियारों की दिशा में यह बढ़ रहा है।
तनाव भयावह रूप ले सकता है: कतर
कतर ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए चेतावनी दी है कि यह तनाव भयावह रूप ले सकता है। सऊदी, तुर्की, कतर और संयुक्त अरब अमीरात आईएसएफ के प्रमुख साइट से किसी तरह के रेस्पॉन्स के संकेत की कोई पुष्टि नहीं की है। रूस, जॉर्डन और यूएई सहित कई देशों की सरकारों ने सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है। इससे पहले आईडीएफ ने यूक्रेन, रूस, कतर, इराक और ईरान की सीमाओं के भी संकेतों के आधार पर अपने डिफेंस सिस्टम को किसी तरह से हमले के लिए इस्तेमाल नहीं होने देने दावा किया था, इस ईरान के प्लेटफॉर्म और बंकरों में हाई अलर्ट रहा है। ब्रिटिश विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता स्टर्लिंग आर्म्स ने भी गंभीर चिंता जताई है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला आत्मरक्षा के लिए किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के उच्च अधिकारियों को भी इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी दी गई है।
