गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (GJUST), हिसार में तीन दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम लड़कियों के छात्रावास-3 और प्रॉक्टर कार्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता चीफ वार्डन प्रो. सुजाता सांघी ने की, जिन्होंने आत्मरक्षा को लड़कियों के लिए बेहद जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल शारीरिक सुरक्षा बल्कि मानसिक मजबूती और आत्मविश्वास बढ़ाने में भी सहायक है।
गुरु जंभेश्वर आत्मरक्षा प्रशिक्षण में छात्राओं को सिखाए गए आत्मरक्षा के गुर
इस कार्यक्रम में डिप्टी प्रॉक्टर डॉ. अंजू गुप्ता ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण से छात्राओं में सतर्कता, आत्मविश्वास और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। इस शिविर में स्व-रक्षा खेल सोसाइटी, भारत के संस्थापक और खेल एवं फिटनेस प्रशिक्षक रोहतास कुमार ने आत्मरक्षा की विभिन्न तकनीकों का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि आत्मरक्षा का मुख्य उद्देश्य हमलावर को अक्षम करना और खुद को सुरक्षित रखना है। इस दौरान छात्राओं को मार्शल आर्ट तकनीकों का अभ्यास कराया गया, जिससे वे विपरीत परिस्थितियों में खुद की रक्षा कर सकें।
100 छात्राओं ने गुरु जंभेश्वर आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर में लिया भाग
इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर में विश्वविद्यालय की 100 छात्राओं ने भाग लिया। तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली तीन छात्राओं को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति और विश्वविद्यालय की सराहना
कार्यक्रम में गर्ल्स हॉस्टल की डिप्टी चीफ वार्डन डॉ. विनीता, कोऑर्डिनेटर डॉ. कल्पना, डॉ. संतोष, वार्डन रितु, वार्डन कृष्णा, सोनिया और किरण सहित कई अधिकारी एवं शिक्षक उपस्थित रहे। आयोजन समिति ने छात्राओं को इस प्रशिक्षण का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
भविष्य में और गुरु जंभेश्वर आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर आयोजित होंगे
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पहल की सराहना की और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई। इस आत्मरक्षा शिविर के माध्यम से छात्राओं को न केवल आत्मरक्षा तकनीकों का ज्ञान मिला, बल्कि उन्होंने अपनी क्षमताओं को निखारने का अवसर भी प्राप्त किया।