- जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और आरएमएल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक का 79 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया है। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज आरएमएल अस्पताल में चल रहा था। मलिक के निधन की जानकारी उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी गई है। उनका पार्थिव शरीर आर।के।पुरम स्थित उनके आवास पर ले जाया जाएगा और कल लोधी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मलिक को इस साल मई में मूत्र मार्ग में संक्रमण से जुड़ी गंभीर समस्याओं के चलते भर्ती कराया गया था। उनकी उनकी किडनी
फेल हो गई थी। दरअसल, मलिक को 11 मई को पेशाब करने में तेज दर्द और तकलीफ हुई थी, जिसके बाद उनकी दोनों किडनी ने काम करना बंद कर दिया था और उनकी हालत बेहद गंभीर होती चली गई थी। उन्होंने सात जून को ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘नमस्कार साथियों। मैं पिछले लगभग एक महीने के करीब से हस्पताल में भर्ती हूं और किडनी की समस्या से जूझ रहा हूं। मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है।’ डॉ। राम मनोहर लोहिया की समाजवादी विचारधारा से प्रेरित होकर मलिक ने 1965-66 में सक्रिय राजनीति में एंट्री मारी थी। वे छात्र राजनीति में तेजी से आगे बढ़े और मेरठ कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष और बाद में मेरठ विश्वविद्यालय, जिसे अब चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है, के छात्र संघ अध्यक्ष रहे। मलिक ने 1970 के दशक में विधायक के रूप में शुरुआत की थी। अपने पचास साल के राजनीतिक जीवन में उन्होंने कई पार्टियां बदलीं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत से ताल्लुक रखने वाले मलिक पहली बार चौधरी चरण सिंह की भारतीय क्रांति दल के टिकट पर चुने गए थे। 1980 में उन्हें चरण सिंह के नेतृत्व वाले लोकदल ने राज्यसभा के लिए नामित किया, लेकिन 1984 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए, जिसने उन्हें 1986 में राज्यसभा भेजा।
जम्मू-कश्मीर राज्य के रहे आखिरी राज्यपाल
मलिक ने अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल के दौरान ही 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और राज्य का विशेष दर्जारद्द कर दिया गया था। बाद में उन्हें गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उसके बाद वे अक्टूबर 2022 तक मेघालय के राज्यपाल के रूप में काम करते रहे।