हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह जिलों की 10 हजार एकड़ भूमि पर प्रस्तावित जंगल सफारी आने वाले वर्षों में न केवल राज्य बल्कि पूरे देश में पर्यटन के बड़े आकर्षण के रूप में विकसित होगी। शनिवार को केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य तथा ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने गुरुग्राम के सखरौत गांव के समीप जंगल सफारी के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। उनके साथ हरियाणा के वन, पर्यटन एवं वन्यजीव मंत्री श्री गणेश नवरत्न सिंह भी मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा की आरतीली पर्वत श्रृंखलाओं की भौगोलिक स्थिति पर्यटन के लिए उपयुक्त है।
केंद्र सरकार से मिलेगा पूरा सहयोग
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस परियोजना को पर्यावरण संरक्षण व पर्यटन जागरूकता को दिशा देने वाला कदम बताते हुए केंद्र की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि परियोजना क्षेत्र में स्थापित पौधों एवं वनस्पतियों के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जाएगा ताकि हरियाणा और जयपुर विद्यापीठ की समृद्धि को बढ़ाया जा सके। परियोजना को विश्व स्तरीय Safari, शोध केंद्र और Zoo आधारित मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। जंगल सफारी में प्रवेश के लिए दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस वे के समीप मोहनड, तावड़ू-शेखपुर मार्ग, हैदरपुर और सखरौत गांव के पास गेट बनाए जाएंगे।
जैव विविधता और ऐतिहासिक विरासतों को देखते हुए यह जंगल सफारी पर्यटकों को आकर्षित करेगी। परियोजना को चार चरणों में विकसित किया जाएगा और पहले चरण में 2500 एकड़ क्षेत्र में जंगल सफारी तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल इको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना नेशनल ग्रीन-कोरिडोर परियोजना के तहत देश के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख केंद्र बनेगी।