अध्यात्मक के पोषक महाभारतकालीन प्रसिद्ध बीड़ धाम में श्रावण माह में शिव परिवार की विशेष रूप से आराधना की गई। भक्तों को भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों के दर्शनों का भी अवसर मिला। श्रावण माह के अंतिम सोमवार को बीड़ बबरान धाम में भगवान शिव केऔघड़ स्परूप को सजाया गया। इस आलौकिक, दिव्य और अदभुत स्वरूप के दर्शन करके श्रद्धालु निहाल हो गए। भक्तों ने धाम में प्रवेश करते ही श्याम बाबा के दरबार में माथा टेका और शिव के औघड़ स्वरूप को देखकर नतमस्तक हो गए। विभिन्न प्रकार के पुष्पों व फूलों से बने प्राकृति रंगों से भगवान शिव के स्वरूप का श्रृंगार किया गया। बीड़ बबरान धाम के निज पुजारी विनय शर्मा ने बताया कि शिव का औघड़ स्वरूप मनुष्य को अज्ञान और अंधकार को दूर करने वाला और भय से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। यह स्वरूप मत्यु और जीवन के चक्र का प्रतीक है। यह स्वरूप त्याग, वैराग्य और सांसारिक इच्छाओं से मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की बीड़ बबरान धाम के प्रति अगाध आस्था है। इसलिए श्रावण माह के दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने धाम में पहुंचकर अपने इष्ट के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन किए और आराधना करके जनकल्याण की कामना की। बीड़ बबरान धाम में पधारने वाले भक्तों ने श्याम बाबा दरबार, वीर बजरंग बली के मंदिर, शिव परिवार, अखंड जोत, धूणे, घोड़े के पांव के निशान वाली शिला व मढ़ी के भी दर्शन किए। इसके साथ-साथ ही श्रद्धालुओं ने यहां स्थित महाभारतकालीन पीपल के वृक्ष पर नारियल चढ़ाकर मन्नत भी मांगी।
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