अमेरिका और यूक्रेन के बीच हाल ही में यूक्रेनी प्राकृतिक खनिजों की डील हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पिछले कुछ महीनों सेयूक्रेन के प्राकृतिक खनिजों पर नज़र थी और अब दोनों देशों के बीच आखिरकार इन खनिजों को लेकर डील हो ही गई है। दोनों देशों के बीच खनिजों की इस डील के तहतअमेरिका को यूक्रेनी खनिज मिलेंगे, जिससे उसे काफी फायदा मिलेगा।इसके बदले में अमेरिका, यूक्रेन के रिडेवलपमेंट और रिकंस्ट्रक्शन में मदद करेगा। यूक्रेन के रिडेवलपमेंट और रिकंस्ट्रक्शन के लिए एक जॉइंट इन्वेस्टमेंट फंड भी बनाया जाएगा। अमेरिका सीधे तौर पर या सैन्य सहायता के रूप में इस फंड में निवेश करेगा। खनिजों की डील के बाद अब ट्रंप नेभी यूक्रेन को बड़ी सौगात दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को 310 मिलियन डॉलर्स (करीब 2,000 करोड़ रुपये) के एफ-16 ट्रेनिंग पैकेज देने फैसले को ग्रीन सिग्नल देदिया है, जिसकी घोषणा पेंटागन ने की। इस पैकेज के तहत अमेरिका, यूक्रेन को एफ-16 फाइटर जेट के लिए संशोधन, उड़ान प्रशिक्षण, रखरखाव सहायता, स्पेयर पार्ट्स, ग्राउंड हैंडलिंग उपकरण और विशेष सॉफ्टवेयर सिस्टम की सेवाएं देगा। लॉकहीड मार्टिन एयरोनॉटिक्स, बीएई सिस्टम्स और एएआर कॉर्पोरेशन इस सौदे के प्रमुख कॉन्ट्रैक्टर्सहैं।
अमेरिका नहीं देगा यूक्रेन को एफ-16 जेट
अमेरिका ने भले ही यूक्रेन को एफ -16 ट्रेनिंग पैकेज देने का ऐलान किया है, लेकिन इस पैकेज के तहत अमेरिका, यूक्रेन को सीधे तौर पर एफ -16 जेट नहीं देगा। नीदरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे और बेल्जियम सहित कई नाटो सदस्य ने सामूहिक रूप से यूक्रेन को 79 एफ-16 जेट्स विमान देने का वादा किया है और 2025 तक और ज़्यादा जेट्स की सप्लाई की उम्मीद है।