दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के साथ, रेखा गुप्ता ने रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, जिससे वे दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, और भाजपा शासित 21 राज्यों के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री उपस्थित थे। हालांकि, आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा पूर्व मंत्री आतिशी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
रेखा गुप्ता के साथ छह अन्य मंत्रियों—प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंद्र इंद्राज सिंह, कपिल मिश्रा, और पंकज कुमार सिंह—ने भी शपथ ली। प्रवेश वर्मा ने इस बार विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल को हराया था। भाजपा ने इस मंत्रिमंडल को अनुभव और युवा नेतृत्व का संतुलित मिश्रण बताया है, जो दिल्ली में पार्टी के विजन को आगे बढ़ाने और जनता से किए गए वादों को पूरा करने पर केंद्रित होगा।
शपथ ग्रहण से पहले, रेखा गुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह मेरे लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मुझ पर भरोसा जताने के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी हाईकमान का धन्यवाद करती हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं दिल्ली की मुख्यमंत्री बनूंगी, लेकिन अब जब जनता ने यह मौका दिया है, तो मैं उनकी सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ूंगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे ‘शीशमहल’ में नहीं रहेंगी, जिसे भाजपा ने केजरीवाल सरकार के दौरान मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के लिए उपयोग किया था।
रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के साथ, दिल्ली में नए राजनीतिक युग की शुरुआत मानी जा रही है। भाजपा ने चुनाव में ‘भ्रष्टाचार मुक्त सरकार’ और ‘विकास के नए मॉडल’ का वादा किया था। विशेषज्ञों का मानना है कि रेखा गुप्ता का प्रशासनिक अनुभव भले ही सीमित हो, लेकिन उनके नेतृत्व में भाजपा दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेगी। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार जनता से जुड़े बुनियादी मुद्दों जैसे पानी, बिजली, और ट्रांसपोर्ट पर विशेष ध्यान देगी।
इस ऐतिहासिक अवसर पर, रेखा गुप्ता ने दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने और राजधानी के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
