विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस 2025 के अवसर पर लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास), हिसार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देना था। इस कार्यशाला का नेतृत्व विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) नरेश जिंदल के मार्गदर्शन में हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आईसीएआर-केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के निदेशक डॉ. एम.के. चेटली ने शिरकत की। संगोष्ठी की सहअध्यक्षता डॉ. नरेश कक्कड़ ने की, और डॉ. विशाल शर्मा ने रैपोर्टेयर की भूमिका निभाई। इस आयोजन का समन्वयन डॉ. प्रियंका द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. राजेश खुराना के उद्घाटन भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के उद्देश्यों और गतिविधियों पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी के समापन पर डॉ. एन.के. कक्कड़, डॉ. स्वाति दहिया, और डॉ. नीलम रानी को उनके बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्रों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया। संगोष्ठी ने पशु चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में रचनात्मक सोच और नवाचार के महत्व को रेखांकित किया, और छात्रों को नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम ने पशु चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार के महत्व को साझा किया और छात्रों में रचनात्मकता और नवाचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया।