हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि श्रम विभाग की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए पारदर्शिता और नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों तक पहुंच सके। श्री विज आज चंडीगढ़ में श्रम विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में श्रम विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन भी मौजूद रहे। श्रम मंत्री ने बताया कि विभाग जल्द ही खंड स्तर पर हेल्प डेस्क स्थापित करेगा, जहां श्रमिक अपना पंजीकरण करवा सकेंगे और विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रमिकों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए तीन से छह
महीने की अवधि वाले कैप्सूल/शॉर्ट कोर्स संचालित किए जाएं, जिनका प्रमाणन भी अनिवार्य हो। इससे उनकी आजीविका पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा और वे नए कौशल प्राप्त कर सकेंगे। श्री विज ने कहा, “मैं चाहता हूं कि श्रमिकों का कौशल विकास हो, ताकि उनका जीवन स्तर ऊंचा उठ सके।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन है कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जाए, और इस लक्ष्य की प्राप्ति में श्रमिकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य के प्रत्येक उद्योग क्षेत्र में कुशल श्रमिक होने चाहिए। आज तकनीकी युग में, आधुनिक तकनीकी कोर्सों के माध्यम से श्रमिक अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं और उद्योगों की उत्पादकता में योगदान दे सकते हैं।
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