अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग की वेबसाइट में गड़बड़ी की सजा हजारों सीईटी अभ्यर्थियों को क्यों दी जा रही है। उन्होंने कहा कि 26-27 जुलाई को होने वाली सीईटी परीक्षा में लगभग 50 हजार अभ्यर्थी ऐसे हैं जो एनरोलमेंट फॉर्म पर हस्ताक्षर के बावजूद तकनीकी खराबी के चलते उसे अपलोड नहीं कर पाए, और अब उन्हें परीक्षा प्रवेश पत्र भी नहीं मिला।
कुमारी सैलजा ने कहा कि परीक्षा की तिथि नजदीक आने पर अभ्यर्थियों ने आयोग और मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन भी किया, पर अधिकारियों ने सिर्फ नियमों का हवाला देकर उनकी कोई भी सुनवाई नहीं की। इससे परेशान अभ्यर्थियों ने अब अदालत का दरवाजा खटखटाने का मन बनाया है। उन्होंने आगे कहा कि यदि अदालत ने इनकी याचिका स्वीकार कर ली और परीक्षा पर रोक लग गई, तो इससे न सिर्फ अभ्यर्थियों बल्कि पूरे सिस्टम की किरकिरी होगी।
सांसद ने कहा कि सीईटी परीक्षा के लिए पहले ही प्रदेश के 1684 केंद्रों पर 13,48,697 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। आवेदन के समय से ही आयोग की वेबसाइट में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार आ रही थीं, जिन पर मीडिया ने भी आवाज उठाई थी, पर आयोग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। कुमारी सैलजा ने साफ कहा कि आयोग की खामियों और लापरवाही का खामियाजा अभ्यर्थियों को नहीं भुगतना चाहिए, बल्कि आयोग को पीड़ितों की बात सुनकर उनके साथ न्याय करना चाहिए, ताकि युवाओं का भरोसा सिस्टम पर बना रहे।