विनय नरवाल की शहादत: करनाल में अंतिम यात्रा
जम्मू‑कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के जांबाज़ अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का पार्थिव शरीर बुधवार, 24 अप्रैल 2025 को करनाल के मॉडल टाउन स्थित शिवपुरी श्मशान घाट लाया गया। नौसेना के दल ने तिरंगे में लिपटे पवित्र पार्थिव को कंधा दिया और पूरे सैन्य रीति‑रिवाज़ों के साथ अंतिम यात्रा निकाली। “भारत माता की जय” और “विनय नरवाल अमर रहें” के नारों से गूंजती सड़कों पर हज़ारों लोग पुष्पवर्षा करते हुए चल रहे थे।
शहीद विनय नरवाल को सैन्य सम्मान से अंतिम विदाई
श्मशान घाट पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को नमन किया। नौसेना की टुकड़ी ने 21‑गन सलामी दी और सैन्य बैंड ने शोक धुन बजाई, जिसके बाद हिंदू परंपराओं से अंत्येष्टि सम्पन्न हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार और पूरा देश शहीद परिवार के साथ खड़ा है तथा उनकी शहादत को सदैव सम्मान के साथ याद रखा जाएगा।
जननेताओं और समाज का एकजुट समर्पण
अंतिम संस्कार में विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण, करनाल विधायक हरविजय सिंह, इंद्री विधायक जगमोहन आनंद, घरौंडा विधायक योगेंद्र राणा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली सहित अनेक वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक‑धार्मिक संगठनों और आम जनता की अभूतपूर्व भागीदारी ने इस अंतिम विदाई को जन आंदोलन का रूप दे दिया।
शहीद विनय नरवाल की शहादत पर जन भावनाओं का संगम
करनाल की सड़कों पर शोक के साथ‑साथ राष्ट्रगौरव की भावना स्पष्ट दिखी। युवाओं में विशेष जोश व आक्रोश था; लोगों ने पाकिस्तान‑प्रायोजित आतंकवाद पर कठोर कार्रवाई की माँग उठाई। पुष्पवर्षा, देशभक्ति के नारे और आँखों में आँसू—हर दृश्य ने शहीद के प्रति लोगों का भावनात्मक लगाव उजागर किया।
शहीद के अंतिम संस्कार में नागरिकों की भारी भागीदारी
सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों की खोजबीन तेज़ कर दी है। सरकारी सूत्रों के अनुसार व्यापक सर्च ऑपरेशन जारी है और शीघ्र ही दोषियों को पकड़ने का दावा किया जा रहा है।
आतंकी हमले के दोषियों की तलाश में कार्रवाई तेज़
मुख्यमंत्री सैनी ने शहीद के माता‑पिता और परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी। उन्होंने आर्थिक सहायता, पारिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी और शौर्य स्मारक पर नाम अंकन सहित हरसंभव मदद का वादा किया। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि विनय नरवाल की शहादत को शिक्षा संस्थानों और सार्वजनिक स्मारकों के माध्यम से अमर किया जाएगा।