- माता गोदांबा की आराधना के साथ विधि विधान से दस दिवसीय उत्सव शुरू, निकली सवारी शोभा यात्रा
- गोदांबा माता उत्सव के शुभारंभ पर तिरुपति धाम में निकली सवारी शोभा यात्र
उत्तर व दक्षिण भारत के बीच सामंजस्य स्थापित करने वाले श्री तिरुपति बालाजी धाम में दस दिवसीय गोदांबा माता उत्सव की शुरुआत धूमधाम से हुई। पूरे विधि विधान से माता गोदांबा की पूजा व आराधना की गई। माता गोदांबा के विग्रह को रथ में स्थित पालकी में विराजमान करके सवारी शोभा यात्रा निकाली गई। इस दौरान पूरा धाम जय श्रीमन्ननारायण, जय भगवान वेंकटेश व जय माता गोदांबा के
उदघोष से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने रथ को अपने हाथों से खींचकर अपनी आस्था व्यक्त की और धाम की परिक्रमा की। सवारी शोभा यात्रा के उपरांत सभी श्रद्धालुओं में गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया। उत्सव 28 जुलाई तक जारी रहेगा और हर रोज विधानस्वरूप माता गोदांबा की सवारी शोभा यात्रा निकाली जाएगी। माता गोदांबा को भूदेवी का अवतार माना जाता है। माता गोदांबा का आविर्भाव एक बालिका के रूप में भगवान के परमभक्त श्री विष्णुचित्त के नंदनवन में तुलसी के पौधे की छाया में हुआ। भगवान के प्रति भक्ति और प्रगाढ़ आस्था के चलते माता गोदांबा भगवान विष्णु जी के श्री रंगनाथ स्वरूप में अपने पति- परमेश्वर की छवि देखने लगी। एक वक्त ऐसा भी आया जब भगवान विष्णु जी की अनुकंपा से गोदांबा श्री रंगनाथ में विलीन होकर रंगनायकी बन गई। सवारी शोभा यात्रा में हिस्सा लेने वाले श्रद्धालुओं ने अग्रोहा रोड पर लांदड़ी टोल प्लाजा के पास स्थापित तिरुपति धाम में स्थापित श्री वेंकटेश भगवान जी, श्री पद्मावती माता जी, श्री गोदांबा माता जी, श्री गरुड़ जी, श्री लक्ष्मी नृसिंह जी, श्री सुदर्शन जी, श्री रामानुज स्वामी जी, श्री शठकोप स्वामी जी, श्री वरवर मुनि जी एवं श्री हनुमान जी के मंदिरों के भी दर्शन किए। भक्तों ने तिरुपति धाम में 42 फुट ऊंचा सोने का श्री गरुड़ स्तंभ, बलिपीठम्, श्री तिरुपति यज्ञशाला, पवित्र पुष्करणी व 71 फुट ऊंचे गोपुरम का भी अवलोकन किया।