हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को कुरुक्षेत्र जिले के गांव बीड़ मथाना में विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज देश और प्रदेश में विपक्ष नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। विपक्ष के नेता घरों में बैठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी नीतियों की चुपचाप सराहना कर रहे हैं, लेकिन सियासी दुकानदारी के लिए दिखावटी विरोध कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा – विपक्ष अब केवल दिखावा कर रहा है
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि विपक्ष केवल धरने-प्रदर्शन और बयानबाज़ी में व्यस्त है, जबकि वास्तव में मोदी सरकार की योजनाएं जनता के हित में हैं और उनके परिणाम ज़मीनी स्तर पर दिख रहे हैं।
ईडी जांच से डर क्यों? – मुख्यमंत्री का कांग्रेस पर सवाल
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सैनी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि कांग्रेस नेताओं ने कुछ गलत नहीं किया, तो उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। जांच एजेंसियों को सहयोग देना चाहिए, ना कि विरोध करना। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि झूठे आरोप लगाने वालों को भी अंततः कानून का सामना करना ही पड़ा।
वक्फ बोर्ड बिल पर विपक्ष का विरोध केवल राजनीतिक – सैनी
मुख्यमंत्री सैनी ने वक्फ बोर्ड बिल को लेकर हो रहे विरोध पर कहा कि यह बिल समाज के हित में है और इसका विरोध केवल राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस बिल पर सभी पक्षों की सहमति है और यह कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
बीड़ मथाना में मुख्यमंत्री सैनी ने गुरु तेग बहादुर द्वार का उद्घाटन किया
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गांव बीड़ मथाना में श्री गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश पर्व कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब को नमन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने श्री गुरु तेग बहादुर द्वार का उद्घाटन किया और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को ₹11 लाख की अनुदान राशि देने की घोषणा की।
कुरुक्षेत्र में बनेगा श्री गुरु तेग बहादुर जी पर भव्य संग्रहालय
मुख्यमंत्री ने बताया कि श्री गुरु तेग बहादुर जी और सभी सिख गुरुओं की शिक्षाओं, वाणी और इतिहास को संजोने के लिए कुरुक्षेत्र में एक भव्य संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी इसी मार्ग से लौहगढ़ की ओर गए थे, इसलिए बीड़ मथाना में स्मृति द्वार का निर्माण कर उनकी यादों को संरक्षित किया गया है।