- पशुपालन को आधुनिक तकनीक से सशक्त बनाने की दिशा में चर
लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास), हिसार के कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी से चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात के दौरान विश्वविद्यालय की प्रमुख उपलब्धियों, शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों तथा भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने डॉ. वर्मा को उनके नवीन कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरियाणा की अर्थव्यवस्था में पशुपालन एक मजबूत आधार स्तंभ है, इसलिए इस क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान और आधुनिक तकनीकों का प्रसार अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया कि हिसार में निर्माणाधीन नए मुख्य परिसर और क्षेत्रीय पशु विज्ञान केंद्रों का निर्माण कार्य समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए, ताकि पशुपालकों और छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
प्रदेश में पशुपालन को नई दिशा देने का संकल
कुलपति प्रो. वर्मा ने बताया कि लुवास देश के अग्रणी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालयों में शामिल है और प्रदेश में पशुपालन के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्णशिक्षा, अनुसंधान और विस्तार सेवाएं प्रदान कर रहा है। विश्वविद्यालय पशुधन नस्ल सुधार, पशु रोगों की रोकथाम, डेयरी और मुर्गी पालन उत्पादन में वृद्धि, तथा किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रम और नवाचार पहल चला रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि लुवास, मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशन में प्रदेश को पशुपालन और डेयरी उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बनाए रखने के लिए लगातार कार्य करता रहेगा। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल छात्रों को उन्नत शिक्षा देना ही नहीं है, बल्कि पशुपालकों तक आधुनिक तकनीक और समाधान पहुंचाकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना भी है ।
रिक्त पदों की पूर्ति और नई तकनीक अपनाने पर सहमति
कुलपति ने विश्वविद्यालय में रिक्त शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पदों की जानकारी भी मुख्यमंत्री को दी, जिस पर मुख्यमंत्री ने शीघ्र कार्रवाई का सकारात्मक आश्वासन दिया। इस अवसर पर डॉ. वर्मा ने हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री श्याम सिंह राणा से भी शिष्टाचार भेंट की और उन्हें विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया। मंत्री ने लुवास को भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक के माध्यम से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला पशुधन उपलब्ध कराने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।