नारायणगढ़ तहसील से 11 अगस्त को पायलट प्रोजेक्ट की होगी शुरुआत
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार राज्य में भूमि पंजीकरण को सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस क्रम में आगामी 11 अगस्त से नारायणगढ़ तहसील में ऑनलाइन पेपरलेस डीड़ पंजीकरण प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि यह परियोजना आम जनता के लिए भूमि पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और नागरिक-अनुकूल बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसके तहत संपत्ति के खरीददार और विक्रेता अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन अपॉइंटमेंट ले सकेंगे और अपॉइंटमेंट वाले दिन केवल पंजीयन और बायोमेट्रिक्स के लिए ही तहसील कार्यालय आएंगे। डॉ. मिश्रा ने बताया कि इस नए सिस्टम में पहले की तरह अपॉइंटमेंट के दिन दस्तावेजों की जांच नहीं होगी, जिसमें त्रुटियों के कारण समय की बर्बादी और प्रक्रिया की विफलता से बचा जा सकेगा। आवेदन ऑनलाइन जमा होने के बाद तहसील कार्यालय में पहले सत्यापन होगा और उसी पोर्टल पर अनुमोदन मिलने के बाद ही भुगतान प्रक्रिया पूरी कर अपॉइंटमेंट बुक किया जा सकेगा। मिश्रा ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया आधारित आवेदन प्रणाली से ऑनलाइन पंजीकरण के समय प्रतीक्षा नहीं होगी, कतारें समाप्त होंगी और प्रक्रिया में अड़चनें कम होंगी। सभी राजस्व रिकॉर्ड स्वत:स्फूर्त रूप से अपडेट होंगे, जिससे संपत्ति खरीदने-बेचने के दस्तावेजों को किसी भी स्थिति पर मौजूदा विवाद, बंधक, ऋण या लोनिट ऋण को दर्शाया जाएगा।
जवाबदेही, राजस्व वृद्धि और विश्वास का माहौल
डॉ. मिश्रा ने कहा कि इस पहल से राजस्व लोकेशन पर भी पकड़ लगेगी, सरकारी आय में वृद्धि होगी और भूमि लेख-जोखा में नागरिकों को भरोसा व जवाबदेही महसूस होगी। आवेदकों को आवश्यक दस्तावेजों की स्पष्ट चेकलिस्ट भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि अधूरे दस्तावेजों के कारण आवेदन अस्वीकार होने की संभावना कम हो।
राज्यव्यापी विस्तार की दिशा में पहला कदम:
विभाग भविष्य में इस प्रणाली का विस्तार कर ऑनलाइन नामांतरण, स्वतः नामांतरण जैसी सेवाओं से भी जोड़ने की योजना बना रहा है। नारायणगढ़ तहसील में पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे पूरे हरियाणा में लागू किया जाएगा। डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि यह कदम हरियाणा को भूमि पंजीकरण के क्षेत्र में डिजिटल, पेपरलेस और पारदर्शी बनाने वाले केंद्र-शासित सुधार और उत्तरदायी शासन की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।