गुरुकुल धीरणवास में हाल ही में आयोजित उपनयन संस्कार एवं वेदारंभ संस्कार कार्यक्रम ने भारतीय वैदिक परंपराओं की पुनस्थापना और संरक्षण के प्रति जनमानस में नवचेतना का संचार किया। इस अवसर पर नए सत्र में दाखिल हुए ब्रह्मचारियों के लिए विधिवत रूप से संस्कार संपत्र कराए गए। कार्यक्रम के मुख्यातिथि सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा, नई दिल्ली के प्रधानमंत्री एवं गुरुकुल धीरणवास के कुलपति स्वामी आर्यवेश रहे।
उन्होंने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि संस्कारों की परंपरा ही भारतीय समाज की आत्मा है, जिनमें उपनयन संस्कार का विशेष महत्व है। यह संस्कार बह्मचारी को अनुशासन, अध्ययन और ईश्वर प्राप्ति की दिशा में मार्गदर्शित करता है। उपनयन का अर्थ है- गुरु और शिष्य का आध्यात्मिक रूप से एक दूसरे के समीप आना।
गुरुकुल के प्रधान स्वामी आदित्यवेश ने कहा कि गुरु अपने शिष्य को केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों और संस्कारों का भी संचार करता है। यही हमारी संस्कृति की गहराई और विशिष्टता है। यज्ञ के ब्रह्मा एवं शिक्षा निरीक्षक आचार्य देवदत्त ने यज्ञोपवीत की व्याख्या करते हुए बताया कि इसके तीन धागे ऋषि ऋण, पितृ ऋण और देव ऋण का स्मरण कराते हैं। उन्होंने कहा कि विद्या अध्ययन, मातृ-पितृ सेवा और समाज व राष्ट्र के प्रति समर्पण ये तीन प्रमुख कर्तव्य प्रत्येक ब्रह्मचारी को निभाने चाहिए।
कार्यकारी प्रधान सूबे सिंह आर्य ने कहा कि गुरुकुल परंपरा मनुष्य को उदारवादी, चरित्रवान और राष्ट्रभक्त बनाती है। वहीं भजनोपदेशिका बहन कल्याणी आर्या ने स्वामी दयानंद सरस्वती और वैदिक संस्कारों पर आधारित सुंदर गीत एवं भजनों की प्रस्तुति दी, जिसने सभी उपस्थितों को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर गुरुकुल मंत्री सत्यप्रकाश आर्य, उप प्रधान अजमेर सिंह, कैप्टन सूबे सिंह आर्य, दलबीर आर्य, भूप सिंह सिसवाला, नंदराम सांगवान, पूर्व एसडीएम महाबीर सिंह, आर्य समाज नागौरी गेट हिसार के प्रधान देवेंद्र सैनी, जयवीर सोनी, तेलु राम, सूबेदार हरिसिंह, शमशेर सिंह आर्य, बहन मुकेश आर्या, महेन्द्र पायल, सुरेन्द्र आर्य, निहाल सिंह दांगी, महेन्द्र आर्य नगर, आचार्य जोगेंद्र, गुलाब सिंह आर्य, विक्रम सिंह, अजय, कुलदीप, सत्यवान, प्रवेश, मोहित शास्त्री सहित अनेक गणमान्य लोगों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
29 मई से 3 जून तक होगा योग एवं युवा चरित्र निर्माण शिविर
गुरुकुल धीरणवास में आगामी 29 मई से 3 जून तक 200 युवाओं के लिए विशेष योग एवं चरित्र निर्माण शिविर आयोजित किया जाएगा। यह शिविर स्वामी सर्वदानंद की पुण्यतिथि को समर्पित होगा, जो गुरुकुल के संस्थापक रहे हैं।
गुरुकुल के मुख्यधिष्ठिता कैप्टन सूचे सिंह आर्य ने जानकारी देते तुर बताया कि इस शिविर में युवाओं को गुरुकुल पद्धति के अनुसार जीवन जीने की कला, अनुशासन, राष्ट्रभक्ति, चरित्र निर्माण और वैदिक जीवन मूल्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
शिविर में योगासन, प्राणायाम, जुडो, लाठी चलाना, बॉक्सिंग,दंड-बैठक और सर्वांग व्यायाम जैसे शारीरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ ध्यान, संध्या और यज्ञ का अभ्यास भी कराया जाएगा। अनुभवी शिक्षकों के सानिध्य में यह प्रशिक्षण होगा।
शिविर के दौरान समाज के प्रतिष्ठित वक्ता व विद्वान युवाओं को संबोधित कर प्रेरित करेंगे। यह आयोजन युवा पीढ़ी को संस्कारित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।
गुरुकुल की यह पहल न केवल वैदिक शिक्षा के पुनरुत्थान का प्रतीक है, बल्कि आधुनिक युवा मन को चरित्रवान, संस्कारित और सशक्त नागरिक के रूप में तैयार करने का पुनीत प्रयास भी है।