गुजविप्रौवि के छात्र भारतीय सेना से मिलकर करेंगे शोध : प्रो. नरसी राम बिश्नोई
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (गुजविप्रौवि) के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र स्वदेशीकरण, शोध और विकास के क्षेत्र में भारतीय सेना के दक्षिण-पश्चिम कमांड (SWC) के साथ मिलकर कार्य करेंगे।
भारतीय सेना और गुजविप्रौवि के बीच एमओयू साइन
हाल ही में गुजविप्रौवि और भारतीय सेना के दक्षिण-पश्चिम कमांड (SWC) के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह एमओयू हिसार कैंट स्थित मिलिटरी स्टेशन में संपन्न हुआ।
एसडब्ल्यूसी की ओर से
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जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंद्र सिंह (AVSM, YSM, VSM)
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एमजीईएमई मेजर जनरल रविंद्र सिंह
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ब्रिगेडियर अजोय शर्मा
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सीओ, 633 ईएमई बीएन कर्नल मधुर विदवंस
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लेफ्टिनेंट कर्नल अमित डागर
गुजविप्रौवि की ओर से
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कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई
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कुलसचिव डॉ. विजय कुमार
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डीन इंटरनेशनल अफेयर्स प्रो. नमिता सिंह
शोध एवं विकास के लिए बड़ा कदम
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि यह एमओयू अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इस समझौते के तहत सेना के विशेष वाहन, प्लेटफॉर्म, उपकरण, सॉफ्टवेयर विकास, रोबोटिक्स, हथियार प्रणाली एकीकरण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और संचार डिजाइन जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों पर अनुसंधान किया जाएगा।
गुजविप्रौवि और SWC को होगा फायदा
इस समझौते के तहत एसडब्ल्यूसी गुजविप्रौवि की प्रयोगशालाओं और विशेषज्ञता का लाभ ले सकेगा। वहीं, गुजविप्रौवि भी अपने कोर्सों के संचालन में एसडब्ल्यूसी की तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग कर सकेगा।
नवाचार और अनुसंधान को मिलेगा बढ़ावा
एमओयू के तहत आईआर एंड डी और नवाचार सहयोग के लिए नए उद्देश्यों की पहचान की जाएगी। इसके अलावा, शिक्षक, शोधार्थी और विशेषज्ञ आपसी सहयोग से एक-दूसरे की सुविधाओं और संसाधनों का लाभ उठा सकेंगे।
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (गुजविप्रौवि) के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र स्वदेशीकरण, शोध और विकास के क्षेत्र में भारतीय सेना के दक्षिण-पश्चिम कमांड के साथ मिलकर कार्य करेंगे। यह संभव हुआ है क्योंकि विश्वविद्यालय ने हाल ही में भारतीय सेना के दक्षिण-पश्चिम कमांड (SWC) के हिसार कैंट स्थित मिलिटरी स्टेशन में एक महत्वपूर्ण मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
SWC की ओर से GOC-in-C लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंद्र सिंह (AVSM, YSM, VSM) और गुजविप्रौवि की ओर से कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत सेना के विशेष वाहनों, प्लेटफार्मों और उपकरणों, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), संचार डिजाइन और रक्षा नवाचार गतिविधियों के लिए अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा।
इसके अलावा, इस समझौते से विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को रक्षा क्षेत्र में नई तकनीकों और विशेषज्ञता का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त होगा। SWC, गुजविप्रौवि की आधुनिक प्रयोगशालाओं का उपयोग कर सकेगा, जबकि विश्वविद्यालय को सेना के विशेषज्ञों से प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
MoU के तहत, अनुसंधान और नवाचार के नए उद्देश्यों की पहचान की जाएगी और विशेषज्ञ, शोधार्थी तथा शिक्षक आपसी सहयोग से इसे आगे बढ़ाएंगे। यह समझौता न केवल रक्षा अनुसंधान के लिए बल्कि भारत के तकनीकी और वैज्ञानिक विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।