आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला अध्यक्ष दलबीर किरमारा ने केन्द्र व विभिन्न प्रदेशों की भाजपा सरकारों से मांग की है कि शिक्षा व चिकित्सा व्यवस्था पर ध्यान देकर आम जनता को राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा व चिकित्सा दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें सुविधाएं मिलना जरूरी है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि सरकार इन पर ध्यान नहीं दे रही। दलबीर किरमारा ने कहा कि जहां-जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, वहां अन्य सार्वजनिक विभागों को सिकोड़ने के साथ—साथ शिक्षा व चिकित्सा क्षेत्र को भी तबाह किया जा रहा है। हरियाणा व उत्तर प्रदेश में अनेक स्कूल बंद कर दिए गए, अनेक कोर्स बंद कर दिए गए, अनेक स्थानों पर फीस बढ़ा दी गई ताकि गरीब व मध्यम वर्ग की पहुंचे से पढ़ाई ही दूर हो जाए। इसी तरह साथ लगते राजस्थान में और भी बुरा हाल है। वहां कई-कई किलोमीटर दूर तक या तो स्कूल नहीं और स्कूल है तो पढ़ाने वाले नहीं है। जहां स्कूल व अध्यापक मिलेंगे, वहां पर स्कूल का भवन जर्जर मिलेगा। उन्होंने राजस्थान में एक स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत व कइयों के घायल होने की घटना को दुखद व हृदयविदारक बताते हुए कहा कि आए दिन जातपात की बात करने वाली भाजपा बताए कि इस घटना के लिए कौन जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने इस घटना के लिए खुद को जिम्मेवार बताकर मानवता व नैतिकता का परिचय दिया है, जो आज के समय में बहुत कम देखने को मिलता है लेकिन क्या इससे उन परिवारों की भरवाई हो पाएगी, जिनके चिराग बुझे हैं। दलबीर किरमारा ने कहा कि आए दिन जातपात, धर्म, सम्प्रदाय, क्षेत्रवाद की बातें करने वाले विभिन्न पार्टियों के नेता इस बात को समझें कि शिक्षा, चिकित्सा, परिवहन, बिजली, पानी, रोटी, कपड़ा व मकान आज की मूलभूत सुविधाएं हैं और यदि देश के किसी नागरिक को ये सुविधाएं न मिल रही तो उसके लिए सीधे तौर पर समय-समय पर सत्ता में रहने वाले सभी दल जिम्मेवार है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वह अब जातपात, धर्म, क्षेत्रवाद व सम्प्रदाय के झंझट से बाहर निकले और राजनीतिक दलों के हित साधना बंद करें। वास्तव में आज आपसे में लड़ने की जरूरत नहीं है बल्कि मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करने की जरूरत है। जब तक जनता इन राजनीतिक दलों की चाल को नहीं समझेगी और अपने हकों के लिए एकजुट संघर्ष नहीं करेगी, तब तक जनता को मूलभूत सुविधाएं मिलन
Subscribe to Updates
Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.
