गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (गुजविप्रौवि) ने एक सराहनीय पहल करते हुए दिव्यांग और बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों के विद्यार्थियों को छात्रावास शुल्क में विशेष छूट देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने जानकारी देते हुए कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के नाम पर स्थापित यह संस्थान शिक्षा के साथसाथ सामाजिक उत्तरदायित्वों को भी पूरी निष्ठा से निभा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी विद्यार्थी की आर्थिक स्थिति उसकी शिक्षा में बाधा न बने, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार प्रयासरत है। प्रो. बिश्नोई ने बताया कि अब तक अनुसूचित जाति (एससी), वंचित अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रावास शुल्क में छूट दी जाती थी। लेकिन अब इस दायरे को विस्तारित करते हुए बीपीएल परिवारों तथा 40 प्रतिशत से अधिविकलांगता वाले दिव्यांग विद्यार्थियों को भी यह छूट प्रदान की जाएगी। छात्रावास प्रबंधन के चीफ वार्डन प्रो. ओम प्रकाश सांगवान व प्रो. सुजाता सांघी ने बताया कि यह छूट केवल उन्हीं दिव्यांग विद्यार्थियों को दी जाएगी जो पहले से किसी अन्य सरकारी वित्तीय सहायता योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं। साथ ही, बीपीएल प्रमाण पत्र या विकलांगता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले से आर्थिक रूप से कमजोर और शारीरिक रूप से अक्षम विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में सुलभ छात्रावास सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे बिना किसी आर्थिक दबाव के अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। यह निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन की समावेशी सोच और गरीब व वंचित वर्गों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। समाज के सभी तबकों को उच्च शिक्षा तक पहुंच दिलाने की दिशा में यह कदम निश्चित रूप से अनुकरणीय है।
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